प्रयागराज। पुलिस ने मंगलवार को पुलिस लाइन में फौजी हत्याकांड का खुलासा कर दिया। पुलिस ने हत्या और गैंगरेप के आरोप में सात युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पकड़े गए सभी आरोपियों को दोनों मामलों में आरोपी बनाया गया है। हालांकि चर्चा रही कि एक युवक गैंगरेप में शामिल नहीं था। इस प्रकरण में पुलिस युवती के कोरोना से ठीक होने के बाद उसका मेडिकल परीक्षण और कोर्ट में 164 का बयान कराकर आगे की कार्रवाई करेगी।

धूमनगंज इंस्पेक्टर अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि नीलम और सरिता नाम की दो महिला सिपाहियों ने इस खुलासे में महतवपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस की मानें तो घटनास्थल पर दोनों महिला सिपाहियों को बालू खरीदने के लिए भेजा गया था। पूछताछ के दौरान ही एक क्लू मिला। जिसकी मदद से एक आरोपी पकड़ा गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने एक-एक करके सभी सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि यह एक ब्लाइंड मर्डर केस था। प्रत्यक्षदर्शी रही युवती ने भी कई बयान देकर पुलिस को उलझा दिया था। धूमनगंज इंस्पेक्टर अरुण चतुर्वेदी, एसओजी प्रभारी शैलेष सिंह, करेली एसओ बृजेश सिंह और क्राइम ब्रांच की टीम ने महिला सिपाहियों की मदद से हत्या व गैंगरेप के आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने धूमनगंज के भागलपुरवा निवासी अजय भारतीय, सूरज, विकास भारतीय, कुलदीप भारतीया, बबलू, गुड्डू और छोटा उर्फ आकाश को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पुलिस की मानें तो 12 फरवरी की रात फौजी आशुतोष सिंह अपनी कार में युवती को सुनसान इलाके नीमसराय मैदान में ले गया था। वहां पर छोटा और कुलदीप पहुंच गए। दोनों ने फौजी से पूछताछ शुरू की तो विवाद हो गया। जिस पर फौजी ने दोनों को थप्पड़ जड़कर भगा दिया। इससे नाराज हुए छोटा और कुलदीप ने कॉल करके अपने दोस्तों को बुला लिया। कुछ ही देर में उनके पांच अन्य साथी भी वहां पहुंच गए और फौजी से फिर मारपीट शुरू हो गई। इस बीच किसी ने ईंट से सिर पर हमला कर दिया। जिसके बाद आरोपियों ने उसका शव गाड़ी में रख लिया और युवती से गैंगरेप किया।

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