नई दिल्ली। लगता है कि बर्फ कुछ पिघलनी शुरू हो गई है। पहले अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के नेता बीएम सिंह ने ऐलान किया कि एमएसपी की सरकार गारंटी दे तो हम बातचीत के लिए तैयार है। वहीं हरियाणा के किसान भी इस कानून के समर्थन में उतर आए हैं। हरियाणा के किसान संगठनों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर समर्थन की चिट्ठी सौंपी है।

हरियाणा के किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है। इन किसानों ने कृषि मंत्री को नए कृषि कानूनों को रद न करने की मांग की है। इस बाबत उन्होंने कृषि मंत्री को समर्थन की एक चिट्ठी भी सौंपी है।

किसानों ने कृषि मंत्री को नए कृषि कानूनों को समर्थन देते हुए यह मांग की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडी व्यवस्था (APMC) जारी रहनी चाहिए। किसानों ने कहा है कि भले ही कानून में कुछ सुधार किए जाएं लेकिन रद न किया जाए क्योंकि ये कानून किसानों को फायदा पहुंचाने वाले हैं।

आन्दोलन को माओवादी और नक्सली ताकतों से मुक्ति की जरूरत

वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है, भारत सरकार के द्वार 24 घंटे किसानों के लिए खुले हैं। मैं समझता हूं कि अगर ये किसान आंदोलन माओवादी और नक्सल ताकतों से मुक्त हो जाए, तो हमारे किसान भाई-बहन जरूर समझेंगे कि किसान के ये बिल उनके और देशहित के लिए हैं। उन्होंने कहा है, सबका विश्वास रहता है कि हमारे लीडर हमारा ध्यान रखेंगे पर शायद यहां ऐसे लीडर हैं ही नहीं। ऐसा डर का माहौल इन नक्सल लोगों ने बना दिया है कि जो किसान नेता असल मुद्दों की बात करना चाहते हैं तो किसी में हिम्मत ही नहीं बन पा रही है क्योंकि ये डरा देते है।

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