प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 79वीं कड़ी में आज राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई करते हुए सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं दी।

उन्होंने आगामी 26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ के बारे में बोलते हुए कहा, “कारगिल का युद्ध, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम का ऐसा प्रतीक है, जिसे, पूरी दुनिया ने देखा है। इस बार ये गौरवशाली दिवस भी ‘अमृत महोत्सव’ के बीच में मनाया जाएगा। इसलिए, ये, और भी खास हो जाता है। मैं चाहूँगा कि आप कारगिल की रोमांचित कर देने वाली गाथा जरुर पढ़ें, कारगिल के वीरों को हम सब नमन करें।”

उन्होंने आगामी 15 अगस्त के बारे में बोलते हुए कहा, “15 अगस्त को देश अपनी आज़ादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आज़ादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं। आपको याद होगा, आज़ादी के 75 साल मनाने के लिए, 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम से ‘अमृत महोत्सव’ की शुरुआत हुई थी। बापू के नेतृत्व में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ चला था, वैसे ही, आज हर देशवासी को ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ का नेतृत्व करना है। ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपना काम ऐसे करें जो विविधताओं से हमारे भारत को जोड़ने में मददगार हो। तो आइए, हम ‘अमृत महोत्सव’ को, ये अमृत संकल्प लें, कि, देश ही हमारी सबसे बड़ी आस्था, सबसे बड़ी प्राथमिकता बना रहेगा। “Nation First, Always First”, के मंत्र के साथ ही हमें आगे बढ़ना है।

नेशनल हैंडलूम दिवस, जो कि आगामी 7 अगस्त को मनाया जाएगा, के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “रोज के कामकाज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं, जैसे, वोकल फॉर लोकल। हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, आर्टिस्टों, शिल्पकारों, बुनकरों को सपोर्ट करना, हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। 7 अगस्त को आने वाला National Handloom Day, एक ऐसा अवसर है जब हम प्रयास पूर्वक भी ये काम कर सकते हैं। इस दिवस के साथ बहुत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है। इसी दिन, 1905 में, स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी।”

उन्होंने आगे कहा, “खादी खरीदना एक तरह से जन-सेवा भी है, देश-सेवा भी है। मेरा आपसे आग्रह है कि आप सभी मेरे प्यारे भाइयो-बहनों ग्रामीण इलाकों में बन रहे Handloom Products जरूर खरीदें और उसे #MyHandloomMyPride के साथ शेयर करें।”

पीएम मोदी ने कहा, “आज, मैं, ‘मन की बात’ सुन रहे मेरे युवा साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूँ। अभी कुछ दिन पहले ही, MyGov की ओर से ‘मन की बात’ के श्रोताओं को लेकर एक स्टडी की गई थी। इस स्टडी में ये देखा गया कि ‘मन की बात’ के लिए सन्देश और सुझाव भेजने वालों में प्रमुखत: कौन लोग हैं। स्टडी के बाद ये जानकारी सामने आई कि संदेश और सुझाव भेजने वालों में से करीब-करीब 75 प्रतिशत लोग, 35 वर्ष की आयु से कम के होते हैं यानि भारत की युवा शक्ति के सुझाव ‘मन की बात’ को दिशा दे रहे हैं। मैं इसे बहुत अच्छे संकेत के रूप में देखता हूँ।”

उन्होंने आगे कहा, “‘मन की बात’ एक ऐसा माध्यम है जहाँ सकारात्मकता है – संवेदनशीलता है। ‘मन की बात’ में हम positive बातें करते हैं, इसका Character collective है। सकारात्मक विचारों और सुझावों के लिए भारत के युवाओं की ये सक्रियता मुझे आनंदित करती है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि ‘मन की बात’ के माध्यम से मुझे युवाओं के मन को भी जानने का अवसर मिलता है।”

‘मन की बात’ कार्यक्रम की इस कड़ी में उन्होंने हमारे मेहनतकश युवाओं के इनोवेशन और उनके आइडियाज़ के बारे में भी जनता को बताया।

पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर साई प्रनीथ द्वारा मौसम की जानकारी प्रदान करने वाले सॉफ्टवेयर की सराहना की। आगे उन्होंने ओडिशा के संबलपुर जिले के एक गाँव में रहने वाले ईसाक मुंडा की तारीफ की। ईसाक कभी एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे लेकिन अब वे एक इंटरनेट सेंसेशन बन गए हैं। अपने YouTube Channel से वो काफ़ी रुपये कमा रहे हैं।

उन्होंने आगे IIT Madras के पूर्व छात्र द्वारा स्थापित एक स्टार्टअप का जिक्र किया. जिसने ने एक 3D प्रिंटेड घर बनाया है।

पीएम मोदी ने कहा, “कुछ नया करने के जज़्बे से भरे युवाओं ने मणिपुर में ये कारनामा कर दिखाया है। आजकल मणिपुर के उखरुल जिले में, सेब की खेती जोर पकड़ रही है। यहाँ के किसान अपने बागानों में सेब उगा रहे हैं। सेब उगाने के लिए इन लोगों ने बाकायदा हिमाचल जाकर ट्रेनिंग भी ली है। इन्हीं में से एक हैं टी एस रिंगफामी योंग। ये पेशे से एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं। उन्होंने अपनी पत्नी टी.एस. एंजेल के साथ मिलकर सेब की पैदावार की है। इसी तरह, अवुन्गशी शिमरे ऑगस्टीना ने भी अपने बागान में सेब का उत्पादन किया है। अवुन्गशी दिल्ली में नौकरी करती थीं। ये छोड़ कर वो अपने गाँव लौट गईं और सेब की खेती शुरू की। मणिपुर में आज ऐसे कई सेब उगाने वाले हैं, जिन्होंने कुछ अलग और नया करके दिखाया है।”

त्रिपुरा के उनाकोटी के ऐसे ही 32 साल के बिक्रमजीत चकमा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “बिक्रमजीत चकमा ने बेर की खेती की शुरुआत कर काफ़ी मुनाफ़ा भी कमाया है और अब वो लोगों को बेर की खेती करने के लिए प्रेरित भी कर रहे है। राज्य सरकार भी ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आई है। सरकार द्वारा इसके लिए कई विशेष नर्सरी बनाई गई हैं ताकि बेर की खेती से जुड़े लोगों की माँग पूरी की जा सके। खेती में इनोवेशन हो रहे हैं तो खेती के प्रोडक्ट्स में भी क्रिएटिविटी देखने को मिल रही है।”

पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में महिलाओं द्वारा केले के बेकार तनों से फाइबर बनाने के काम की तारीफ की। इस फाइबर से हैंडबेग, चटाई, दरी, आदि चीजें बनाई जाती हैं। इस काम से एक स्थानीय महिला को 400-600 रुपये प्रतिदिन की कमाई हो जाती है। लखीमपुर खीरी में सैकड़ों एकड़ जमीन पर केले की खेती होती है। केले की फसल के बाद आम तौर पर किसानों को इसके तने को फेंकने के लिए अलग से खर्च करना पड़ता था। अब उनके ये पैसे भी बच जाते है यानि आम के आम, गुठलियों के दाम ये कहावत यहाँ बिल्कुल सटीक बैठती है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “एक ओर केले के फाइबर से प्रोडक्ट्स बनाये जा रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ केले के आटे से डोसा और गुलाब जामुन जैसे स्वादिष्ट व्यंजन भी बन रहे हैं। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ और दक्षिण कन्नड़ जिलों में महिलाएं यह अनूठा कार्य कर रही हैं। ये शुरुआत भी कोरोना काल में ही हुई है। इन महिलाओं ने न सिर्फ केले के आटे से डोसा, गुलाब जामुन जैसी चीजें बनाई बल्कि इनकी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है।

पीएम मोदी ने चंडीगढ़ के सेक्टर 29 में फूड स्टॉल चलाने वाले संजय राणा, जो कि साईकिल पर छोले-भटूरे बेचते हैं, का जिक्र करते हुए बताया, “एक दिन उनकी बेटी रिद्धिमा और भतीजी रिया, दोनों ने उनसे COVID Vaccine लगवाने वालों को मुफ्त में छोले–भटूरे खिलाने को कहा। वे इसके लिए खुशी-खुशी तैयार हो गए, उन्होंने, तुरंत ये अच्छा और नेक प्रयास शुरू भी कर दिया।”

आगे उन्होंने तमिलनाडु के नीलगिरी में राधिका शास्त्री द्वारा शुरू चलाए जा रहे AmbuRx (एम्बुरेक्स) प्रोजेक्ट के बारे में बताया। पीएम मोदी ने कहा, “इस प्रोजेक्ट का मकसद है, पहाड़ी इलाकों में मरीजों को इलाज के लिए आसान ट्रांसपोर्टेशन उपलब्ध कराना है। राधिका कून्नूर में एक कैफे चलाती हैं। उन्होंने अपने कैफे के साथियों से AmbuRx के लिए फंड जुटाया। नीलगिरी पहाड़ियों पर आज 6 AmbuRx सेवारत हैं और दूरदराज़ के हिस्सों में आपातकाल के समय मरीजों के काम आ रही हैं। एम्बुरेक्स में Stretcher, Oxygen Cylinder, First Aid Box जैसी कई चीजों की व्यवस्था है।

इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-जॉर्जिया की मित्रता को मिली नई मजबूती का भी जिक्र किया। बाद में उन्होंने हाल ही में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लुंग द्वारा सिलाट रोड गुरुद्वारे का उद्घाटन करने वाले क्षण का जिक्र किया। इस गुरुद्वारे को रिनोवेट किया गया था। इसके उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ली सेन लुंग ने पारंपरिक सिख पगड़ी भी पहनी थी। यह गुरुद्वारा लगभग 100 साल पहले बना था और यहाँ भाई महाराज सिंह को समर्पित एक स्मारक भी है।

उन्होंने जल संरक्षण पर बोलते हुए कहा, “मेरा बचपन जहाँ गुजरा, वहाँ पानी की हमेशा से किल्लत रहती थी। हम लोग बारिश के लिए तरसते थे और इसलिए पानी की एक-एक बूँद बचाना हमारे संस्कारों का हिस्सा रहा है। अब “जन भागीदारी से जल संरक्षण” इस मंत्र ने वहाँ की तस्वीर बदल दी है। पानी की एक-एक बूँद को बचाना, पानी की किसी भी प्रकार की बर्बादी को रोकना यह हमारी जीवन शैली का एक सहज हिस्सा बन जाना चाहिए। हमारे परिवारों की ऐसी परंपरा बन जानी चाहिए, जिससे हर एक सदस्य को गर्व हो।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंत में कहा, “पर्व और उत्सवों के समय, ये जरुर याद रखिएगा कि कोरोना अभी हमारे बीच से गया नहीं है। कोरोना से जुड़े नियम आपको भूलने नहीं है। आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें।”

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