हम में से अधिकांश लोगों को एसी को 20-21 डिग्री पर चलाने की आदत होती है। कुछ लोगों को तो अपने एसी को 18 डिग्री पर सेट किये बिना मजा ही नही आता। ऐसे लोग गर्मियों में भी कम्बल लेकर सौतें हैं। इससे उन्हें डबल नुकसान होता है। बताते है कैसे?

हमारे शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्शियस होता है, और हमारा शरीर 23 से 39 तक का तापमान सहन कर सकता है इसे “ह्यूमन बॉडी टेम्परेचर टॉलरेंस” कहा जाता है। जब कमरे का तापमान इस रेंज से कम या ज्यादा होता है तो हमारी बॉडी विभिन्न तरीकों से रियेक्ट करती है। जैसे..छींके आना, कांपना, सरदर्द इत्यादि।

जब कमरे का तापमान 18-20-22 होता है तो हमारा शरीर एक प्रक्रिया शुरू करता है जिसे मेडिकल भाषा मे “ह्यपोथेरमिया” कहा जाता है। इसमे हमारा शरीर उन अंगों में रक्त प्रवाह बढ़ा देता है जहां का तापमान कम होता है।

कालांतर में इस वजह से “गठिया” जैसे रोग होने की सम्पूर्ण संभावनाएं होती है !!
जब आप एसी में होतें हैं तो आपका शरीर पसीना उत्सर्जित नही करता है इस वजह से जहरीले टॉक्सिन शरीर से बाहर नही आ पाते।

लंबे अंतराल पर AC में रहने वालों के शरीर मे अनेक समस्याएं पैदा होती हैं जैसे स्किन एलर्जी,खुजली, हाई ब्लड प्रेशर आदि। जब आप कम तापमान पर AC चलातें हैं तो, इसका कंप्रेसर हमेशा ऑन रहता है (ये बात इन्वर्टर एसी पर भी लागू होती है) चाहे वो 5 स्टार रेटिंग का ही क्यों न हो।ये आपकी जेब बहुत तेजी से ढीली करेगा।

एसी चलाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है ?

एसी को 25-27 डिग्री पर मैन्युअल मोड में सेट कर दें, और ब्लोअर (फैन) स्पीड न्यूनतम कर दें। इससे होगा ये कि, आपके एसी का कंप्रेसर टेम्परेचर अचीव होने पर कई बार बंद हो जाएगा। इन्वर्टर एसी हो तो उसकी स्पीड बहुत कम हो जाएगी। आपका पैसा तो बचेगा ही, साथ मे आपके शरीर पर कोई नुकसान नहीं होगा। कम्बल औढने की आवश्यकता भी नही होगी।

कम खर्चा होगा तो आपके दिमाग का ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहेगा। 26 डिग्री पर आप प्रति रात्रि लगभग 5-7 बिजली की यूनिट बचाएंगे और मान लीजिए ऐसा 10 लाख लोग और करतें हैं तो ये कुल मिला कर हो जाता है 50 लाख यूनिट।
देश की तरक्की में आपका ये योगदान अतुल्य, अमूल्य होगा।

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