पेगासस जासूसी मामले के खुलासे के बाद से ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर लगातार हमला बोल रही हैं. वह पांच दिवसीय दौरे पर नयी दिल्ली जा रही हैं. इस दौरे के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगी.
गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि वह दो-तीन दिन दिल्ली में रहेंगी. इस दौरान प्रधानमंत्री से भी मिलेंगी. उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा था और पीएम ने समय दे दिया है. ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें मीटिंग का समय दिया है. 28 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ममता बनर्जी की मुलाकात होगी. बंगाल की मुख्यमंत्री राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिल सकती हैं.
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच यह पहली वन टू वन मुलाकात होगी. गौरतलब है कि सीएम 26 जुलाई को दोपहर तीन बजे कोलकाता से दिल्ली के लिए रवाना होंगी और 30 जुलाई को कोलकाता लौटेंगी. इसी दौरान उनकी नेताओं के साथ बैठक होंगी. वह संसद भी जायेंगी. वहां भी नेताओं से मुलाकात करेंगी.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मई में चक्रवाती तूफान यस से हुए नुकसान के आंकलन के लिए आयोजित समीक्षा बैठक में ममता ने प्रधानमंत्री और राज्यपाल जगदीप धनखड़ को करीब 30 मिनट तक इंतजार कराया था. बाद में बैठक में शामिल हुईं ममता बनर्जी ने चक्रवात से राज्य को हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंपी थी. उस वक्त कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि ममता उस वक्त उसी परिसर में थी. इसके बाद भी वह ज्यादा देर तक वहां पर नहीं रुकीं और दूसरी मीटिंग में हिस्सा लेने की बात कहकर तुरंत वहां से निकल गयीं थीं.
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से तृणमूल कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों पर टकराव बढ़ा है. उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सभी को साथ आना होगा. ममता बनर्जी ने कहा कि मैं नहीं जानती 2024 में क्या होगा. लेकिन इसके लिए अभी से तैयारियां करनी होंगी. हम जितना समय नष्ट करेंगे, उतनी ही देरी होगी. उन्होंने शरद पवार और पी चिदंबरम से अपील की है कि वे 27 से 29 जुलाई के बीच दिल्ली में इस मुद्दे पर बैठक बुलायें.