देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना से 350 मरीजों की मौत हो गई है। साथ ही पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना के 22,933 नए मामले सामने आए हैं। वहीं दिल्ली MCD के 25 अप्रैल शाम 6 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में रविवार को कुल 666 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया या दफ्न किए गए।
वहीं ऑक्सीजन प्लांट पर केजरीवाल और केंद्र सरकार आमने-सामने है। एक तरफ दिल्ली सरकार दिल्ली के लिए केंद्र से आवंटित ऑक्सीजन कोटे के अंतर को पूरा करने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम कर रही है, तो केंद्र सरकार दिल्ली में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की नाकामी छिपाने के लिए पूरी तरह से गलत बयानी कर रही है। दिल्ली सरकार ने केंद्र के बयान पर पलटवार किया है। दिल्ला सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने पूरे भारत में 162 पीएसए संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया था। और अक्टूबर 2020 में इसके लिए निविदाएं जारी की गईं।
दिल्ली में लगने थे 7 प्लांट
इन प्लांट को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पीएम केयर फंड के माध्यम से लगाया जाना था और राज्य सरकारों को एक रुपए भी नहीं दिया गया था। साथ ही इन सभी संयंत्रों को दिसम्बर 2020 तक स्थापित कर राज्य सरकारों को सौंप दिया जाना था। हालांकि, केंद्र सरकार ने इनमें से 140 प्लांट्स का ठेका एक ही वेंडर को दे दिया, जो भाग गया। जिसके चलते पूरे भारत में इन 162 संयंत्रों में से 10 को भी आज तक चालू नहीं किया गया है। दिल्ली में 8 में से 7 संयंत्रों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में और एक को केंद्र सरकार के अस्पताल सफदरजंग में स्थापित किया जाना था।
केंद्र ने साइट प्रमाण पत्र में देरी को बताया वजह
केंद्र सरकार के साथ कई बार फॉलोअप के बाद मार्च 2019 के शुरू में 5 अस्पतालों के लिए प्लाट्स को वितरित किया गया। आमतौर पर इन प्लाट्स को स्थापित करने में 3-4 दिन लगते हैं। हालांकि, एक बार फिर, वेंडर गैर जिम्मेदार पाया गया और केंद्र के साथ कई बार फॉलोअप के बाद 5 संयंत्रों में से केवल एक को आज तक चालू किया गया है। जहां तक अस्पताल के बाकि 2 स्थानों की बात है, तो इन प्लाट्स को साइट भी नहीं मिली है। केंद्र सरकार अब प्लाट्स में देरी का कारण दिल्ली सरकार से साइट प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं होने को बता रही है। बताया जा रहा है कि यह कभी भी दिल्ली सरकार के संज्ञान में नहीं लाया गया है। वहीं पीएसए संयंत्र को केंद्र के अपने सफदरजंग अस्पताल में भी चालू नहीं किया गया है, जो केंद्र सरकार को अपने सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है।