मेरठ। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए केंद्र सरकार ने खजाना खोल दिया है। रैपिड का काम तेजी से हो इसके लिए अगले वर्ष के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 4472 करोड़ की व्यवस्था की है, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 2487 करोड़ की व्यवस्था है। इस तरह अब तक 6959 करोड़ की व्यवस्था की जा चुकी है। साफ है कि अब मेरठ में रैपिड और मेट्रो का काम तेजी से होगा।
बजट प्रावधान के साथ ही अब दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर का विस्तार मुजफ्फरनगर तक होने की संभावना बढ़ गई है। फिलहाल दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट 82 किलोमीटर का है। मुजफ्फरनगर तक बढ़ने से इस प्रोजेक्ट का करीब 40 किलोमीटर का विस्तार होगा। इस तरह कुल 112 किलोमीटर का यह कॉरिडोर हो जाएगा।
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल केंद्र सरकार और चार राज्य सरकारों का संयुक्त उपक्रम है। चार राज्य उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के साथ केंद्र सरकार की सहभागिता से चार राज्यों में बेहतर आवागमन सुविधा के लिए रैपिड रेल का प्रस्ताव है। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से गाजियाबाद और मेरठ के बीच काम चल रहा है। आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेट्रो और रैपिड रेल पर फोकस किया।
एनसीआरटीसी के प्रवक्ता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के आम बजट में केंद्र सरकार ने रैपिड रेल के लिए 4472 करोड़ की व्यवस्था की है, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2487 करोड़ की व्यवस्था है। इस तरह दो वित्तीय वर्ष में सरकार की ओर से 6959 करोड़ की व्यवस्था हो गई है। अब रैपिड रेल प्रोजेक्ट का काम और तेजी से होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस प्रोजेक्ट में 900 करोड़ की व्यवस्था की है। यूपी सरकार 650 करोड़ रुपये दे चुकी है। हरियाणा सरकार ने भी 4699 करोड़ की व्यवस्था रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए की है।
अब इस पूरे कॉरिडोर पर सिविल कंस्ट्रक्शन का काम ज़ोर-शोर से चल रहा है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिकता वाले खंड पर पिलर आदि का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर वर्ष 2023 तक और पूरे कॉरिडोर पर वर्ष 2025 तक परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। बजट प्रावधान के बाद अब और तेजी से काम होगा।