पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है. इसी वजह से इस बार भी आगामी शुक्रवार को ईद उल फितर का त्योहार घरों पर रह कर ही मनाया जाएगा. कोरोना महामारी की गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने ईद उल फितर की नमाज को लेकर मुसलमानों के लिए फतवा जारी किया है. दारुल उलूम ने फतवा जारी करते हुए महामारी से बचने और उसे फैलने से रोकने के लिए एक जगह इकट्ठा ना होकर अलग-अलग जगह नमाज अदा करने की अपील की है.
बताते चलें कि पूरे देश में कोरोना महामारी फैली हुई है. रोजाना लाखों लोग कोरोना एस संक्रमित हो रहे हैं. यूपी में भी कोरोना के चलते रोजाना कई जाने जा रही हैं. इस महामारी से बचने के लिए देश के कई हिस्सों समेत यूपी राज्य सरकार ने 17 मई की सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन की वजह से मुस्लिम समाज के लोग ईद उल फितर की नमाज ईदगाह व मस्जिदों में होने को लेकर काफी कशमकश में थे.
दुनिया भर में मशहूर इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम अब्दुल खालिक मद्रास ने देश की परिस्थितियों और कोरोना महामारी काल मे संस्था के इफ्ता विभाग की खंडपीठ से ईद उल फितर की नमाज़ अदा करने के सम्बंध में फतवा लिया है. फतवे में यह पूछा गया है कि देश में फैले वायरस के कारण सरकार ने एहतियात के तौर पर कड़ी पाबंदियां लगाई है और सिर्फ 5 लोगों को ही नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई है. शुक्रवार को ईद है. ऐसे हालात में ईद की नमाज अदा करने की शरीयत में क्या हिदायत दी गई है.
इस सवाल का जवाब देते हुए दारुल उलूम के इफ्ता विभाग की तरफ से जारी फतवे में दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर ने बताया कि ईद उल फितर की नमाज अदा न कर पाने की सूरत में अकीदतमंद 4 रकात नमाज़े चाश्त अदा कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि इमाम के साथ 3 या 5 लोग ही मस्जिद या दूसरी जगह पर शरीयत की पाबंदियों के साथ नमाज अदा कर सकते हैं.अगर ईद की जमात न हो सके तो परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसे हालात में ईद की नमाज माफ है. ईद की नमाज के बजाय चाश्त की नमाज अदा की जा सकती है.