उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. यूपी एटीएस ने दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो इस साजिश में शामिल थे. यूपी एटीएस को धर्मांतरण के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की फंडिंग के सबूत मिले हैं.
यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार (लॉ एंड ऑर्डर) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2 जून 2021 को डासना स्थित एक मंदिर में दो लोगों ने अवैध रूप से घुसने की कोशिश की थी. इस मामले में उनको हिरासत में लिया गया था. आरोपियों का नाम विपुल विजयवर्गीय और काशिफ है. उनसे पूछताछ की गई तो इस तरह की सूचनाएं मिली कि एक बड़ा गेम है, जो कि लोगों का सुनियोजित तरीके से धर्म परिवर्तन करा कर और इसमें काफी प्रलोभन देकर पैसे वगैरह देने काम करता है.
उन्होंने आगे कहा कि जांच में एक शख्स गौतम का नाम सामने आया है, वह बाटला हाउस, जामिया नगर का रहने वाला है. इसने खुद भी अपना धर्म परिवर्तन किया है. पूछताछ और गहराई से जांच के बाद इनके साथी जहांगीर आलम की गिरफ्तारी की गई. जिससे पता चला कि उन्होंने तकरीबन 1,000 लोगों का प्रलोभन देकर या डरा-धमका कर धर्म परिवर्तन कराया है.
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि लखनऊ एटीएस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, उसके आधार पर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो नामजद थे. इसके अलावा एक संस्था है और अन्य लोग भी हैं जो कि नामजद हैं. उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दिव्यांग बच्चों और महिलाओं का भी धर्म परिवर्तन कराया गया है. महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा कर उनकी शादी दूसरे धर्म के लोगों से कराई है ताकि बाद में इस चीज की भी कोई गुंजाइश न बचे कि वह अपने धर्म में वापस आ सकें.
उन्होंने कहा कि इन लोगों ने नोएडा, कानपुर, मथुरा और वाराणसी समेत अन्य कई जगहों पर धर्म परिवर्तन कराया है. देश के अन्य प्रदेशों में भी यह रैकेट चलाया जा रहा है.
इसी तरह एक छात्र आदित्य गुप्ता, जिसके माता-पिता से भी पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बच्चे के गुमशुदगी की खबर दर्ज करवाई थी. परिजनों ने यह भी बताया कि उनका बच्चा मूक-बधिर है. उसका धर्म परिवर्तन करा कर दक्षिण भारत के किसी राज्य में ले जाया गया, जिसके बारे में उनके मूक-बधिर बच्चे ने मोबाइल से वीडियो कॉल के जरिए बताया है.