राजस्थान गहलोत सरकार के कैबिनेट उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा एक बार फिर चर्चाओं में हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों के बीच दो फीसदी रिश्वत लेने की प्रथा है। मीणा ने मंगलवार को बूंदी में एक जन सुनवाई के दौरान कहा, ‘भारत में कहीं भी एक ईमानदार तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी नहीं मिल सकता। मैं छठी बार विधायक हूं और तीसरी बार मंत्री हूं… कई तहसीलदार, नायब तहसीलदार प्रतिनियुक्त थे, वे हमेशा दो फीसदी (रिश्वत) लेते हैं।’
उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य सत्येश शर्मा की ओर से तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) प्रीतम कुमारी मीणा को प्रतीक्षित तैनाती आदेश (एपीओ) मिलने का मुद्दा उठाए जाने के बाद मंत्री की ओर से यह प्रतिक्रिया सामने आई है। इस बीच पार्टी के बूंदी शहर के अध्यक्ष देवराज गोचर के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी आशीष गुप्ता के खिलाफ उनकी शिकायतों को कथित रूप से नहीं सुनने के लिए मंत्री के विरुद्ध नारेबाजी की।
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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि वे भविष्य में कभी भी बूंदी जिले के प्रभारी परसादी लाल मीणा को जिले का दौरा नहीं करने देंगे।
बाड़मेर में सहायक अभियंता रिश्वत लेते गिरफ्तार
राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने बुधवार को सिवाना (बाड़मेर) में जोधपुर डिस्कॉम के सहायक अभियंता को एक शख्स से 10,500 रुपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि परिवादी की ओर से शिकायत की गई थी कि सहायक अभियंता प्रतापाराम नया ट्रांसफार्मर लगाने की एवज में 10,500 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा है। उन्होंने बताया कि एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद बुधवार को आरोपी सहायक अभियंता प्रतापाराम को परिवादी से रिश्वत की राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सोनी के मुताबिक, आरोपी के आवास और अन्य ठिकानों की तलाशी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।