कांग्रेस ने चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने के लिए अगले 48 घंटों के भीतर एक ग्रुप बनाने का फैसला किया है. दूसरी तरफ, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए सोमवार को कहा कि इन चुनाव नतीजों से स्पष्ट है कि कांग्रेस में चीजों को दुरुस्त करना होगा. उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की डिजिटल बैठक में यह प्रस्ताव दिया कि चुनावी हार के कारणों का पता लगाने के लिए एक समूह का गठन किया जाएगा.
कांग्रेस के संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि अगले 48 घंटों के भीतर इस समूह का गठन कर दिया जाएगा और यह जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगा. एक सवाल के जवाब में वेणुगोपाल ने यह भी कहा, “इस समूह की रिपोर्ट के आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी.” इसी के साथ, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने बताया कि CWC की बैठक में असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के प्रभारियों ने चुनाव में ‘कमियों’ और दूसरे बिंदुओं पर अपनी बात रखी है.
बंगाल में हमारा खाता तक क्यों नहीं खुला? : सोनिया गांधी
इससे पहले, सोनिया ने बैठक में कहा, “हमें इन गंभीर झटकों का संज्ञान लेने की जरूरत है. ये कहना कम होगा कि हम बहुत निराश हैं. मेरा इरादा है कि इन झटकों के कारण रहे हर पहलू पर गौर करने के लिए एक छोटे समूह का गठन करें और उससे बहुत जल्द रिपोर्ट ली जाए.” उन्होंने कहा, “हमें इसे समझना होगा कि हम केरल और असम में मौजूदा सरकार को हटाने में विफल क्यों रहे और बंगाल में हमारा खाता तक क्यों नहीं खुला? इन सवालों के कुछ असहज करने वाले सबक जरूर होंगे, लेकिन अगर हम वास्तविकता का सामना नहीं करते, अगर हम तथ्यों को सही ढंग से नहीं देखते, तो हम सही सबक नहीं लेंगे.”
‘कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव जून के मध्य तक पूरा हो जाएगा’
सोनिया ने कहा, “जब हम इस साल 22 जनवरी को मिले थे तो हमने फैसला किया था कि कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव जून के मध्य तक पूरा हो जाएगा. चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने चुनाव कार्यक्रम तय किया है. वेणुगोपाल कोरोना महामारी और चुनाव नतीजों पर चर्चा के बाद इसे पढ़ेंगे.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया, “ये चुनाव नतीजे स्पष्ट तौर पर बताते हैं कि हमें अपनी चीजों को दुरुस्त करना होगा.”
मालूम हो कि असम और केरल में सत्ता में वापसी का प्रयास कर रही कांग्रेस को हार झेलनी पड़ी. वहीं, पश्चिम बंगाल में उसका खाता भी नहीं खुल सका. पुडुचेरी में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा जहां कुछ महीने पहले तक वह सत्ता में थी. तमिलनाडु में उसके लिए राहत की बात रही कि द्रमुक की अगुवाई वाले उसके गठबंधन को जीत मिली.