नई दिल्ली। राफेल युद्धक विमान डील में हुए भ्रष्टाचार पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘ये देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है. यूपीएस सरकार से ज्यादा दाम पर ये रफाल लड़ाकू विमान क्यों खरीदा गया? इस विमान में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के बगैर ये डील क्यों हुई? 126 विमानों की संख्या घटाकर 36 क्यों की गई? हमने ये डील टेंडर के जरिए किया, जबकि मोदीजी ने डील खुद की। खुद हस्तक्षेप कर इस क्लॉज को हटाया। साल 2015 में राफेल की प्राइस डिटेल्स कैसे सुषेण गुप्ता ने डिसॉल्ट को दी, जबकि ये अति गोपनीय था।’

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा, ‘यूपीए के दौर में हर डील के अंदर डील थी। 65 करोड़ से ये परिवार संतुष्ट नहीं था और चाहिए था। इसलिए ये डील नहीं हो पाई। दस जनपथ भ्रष्टाचार का ठिकाना है। घोटाले एक नहीं कई हजार हो गए हैं और रिश्वत के आंकड़े कई करोड़ पार हो गए हैं।’


भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘रफेल का विषय कमीशन की कहानी थी। बहुत बड़े घोटाले की साजिश थी। ये पूरा मामला 2007 से 2012 के बीच हुआ। आज हम आपके सामने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने वाले हैं, ताकि भ्रष्टाचार किसके कालखंड में हुआ ये बताएगा. फ्रांस के मीडिया संस्थान ने कुछ वक्त पहले ये खुलासा किया कि राफेल में भ्रष्टाचार हुआ था.।’

उन्होंने आगे कहा, ‘आज ये खुलासा हुआ है कि 2007 से 2012 के बीच में रफाल में ये कमीशनखोरी हुई है, जिसमें बिचौलिए का नाम सुषेण गुप्ता बताया गया है. यह कोई नया खिलाड़ी नहीं है. ये पुराना खिलाड़ी है, जिसे अगस्ता वेस्टलैंड केस का किंगपिन माना जाता है. एक मिडिलमैन जो कि अगस्ता वेस्टलैंड केस में बिचौलिया था, वो 2007 से 2012 के बीच रफाल केस में घूस में बिचौलिया था. बहुत ज्यादा इत्तेफाक हकीकत होती

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