नई दिल्ली । 100 से ज्यादा पूर्व राजनयिकों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि देश में नफरत की राजनीति बंद होनी चाहिए। पीएम मोदी को संबोधित पाती में कहा गया है कि आपकी चुप्पी बहुत बड़े खतरे को जन्म दे सकती है।
पूर्व राजनयिकों ने चिट्ठी में लिखा, ‘इस साल जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री पक्षपातपूर्ण रवैये से उठकर सबके साथ समान व्यवहार करेंगे।।
‘संवैधानिक इमारतों को गिराया जा रहा’
चिट्ठी में आरोप लगाते हुए कहा गया, ‘हमारे देश के संस्थापक नेताओं की ओर से बनाई गई संवैधानिक इमारत को गिराया जा रहा है। इस बात पर लोगों में बहुत गुस्सा और पीड़ा है, इसलिए वे अपनी बात रखने और अपना दुख व्यक्त करने के लिए मजबूर हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय, खासतौर पर मुस्लिमों के खिलाफ पिछले कुछ सालों में हिंसा बढ़ी है। खासकर बीजेपी शासित राज्यों जैसे असम, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हालात काफी गंभीर हो चले हैं। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में पुलिस के जरिए मनमानी की जा रही है। ‘
जबकि सच यह है कि हिंसा मुस्लिमों की ओर से की जा रही है । ये राजनयिक और नौकरशाह पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। पिछले दिनों देश के 12 स्थानो पर हुई हिंसा में हिन्दु रक्षात्मक था। हमला मुसलमानों की ओर से हुआ था।
अपने वादे को दिल से पूरा करें
पूर्व गृह सचिव जे के पिल्लई, दिल्ली के पूर्व राज्यपाल नजीब जंग, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के प्रिंसिपल सेक्रेट्री टीकेए नायर, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुराजा सिंह समेत 108 से ज्यादा लोगों ने पीएम मोदी को लिखी इस चिट्ठी पर हस्ताक्षर किए हैं। पूर्व राजनयिकों ने पीएम मोदी से अपील की कि वे सबका साथ, सबका विकास के अपने वादे को दिल से पूरा करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि पीएम मोदी बीजेपी के कंट्रोल वाली सरकारों की तरफ से कथित तौर पर पूरी ‘लगन’ के साथ चलाई जा रही ‘हेट पॉलिटिक्स’ को खत्म करेंगे।