महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाने के कार्यक्रम में शामिल हुए शख्स बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस ने पार्टी में शामिल किया है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ की मौजूदगी में बुधवार को बाबूलाल चौरसिया ने पार्टी का दामन थाम लिया। 2017 में ग्वालियर हुए नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाए जाने के एक कार्यक्रम में बाबूलाल चौरसिया भी मौजूद थे। कांग्रेस में शामिल होने पर बाबूलाल चौरसिया ने कहा, ‘मैं जन्म से ही कांग्रेसी हूं। निकाय चुनाव में पार्टी की ओर से टिकट न दिए जाने पर मैंने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद मैं हिंदू महासभा में शामिल हो गया था और चुनाव भी जीता। लेकिन बाद में मुझे लगा कि मैं उनकी विचारधारा में फिट नहीं बैठता हूं। इसलिए कांग्रेस में वापसी कर ली।’
बाबूलाल चौरसिया नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगवाने वाले प्रमुख लोगों में से एक थे। यही नहीं वह बीते तीन सालों से नाथूराम गोडसे की जयंती पर श्रद्धांजलि देते आ रहे हैं। हालांकि अब उन्होंने इसका सारा दोष हिंदू महासभा पर मढ़ते हुए कहा गया है कि उन्हें भ्रमित किया गया था। मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने बाबूलाल को पार्टी में शामिल करने को लेकर कहा कि हमारी पार्टी माफ करने में यकीन करती है। ग्वालियर सीट से कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक ने चौरसिया को शामिल करने का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘चौरसिया पहले कांग्रेस पार्टी के ही सदस्य थे। उन्होंने पार्टी में वापसी का फैसला लिया है और हम स्वागत करते हैं।’
राहुल गांधी के एक बयान का हवाला देते हुए पाठक ने कहा कि हमारी पार्टी में राहुल गांधी जैसे नेता हैं, जिन्होंने अपने पिता के कातिलों को माफ कर दिया कि उन्हें जिंदगी जीने के लिए एक मौका मिलना चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, ‘हम हमेशा कहते रहे हैं कि हिंदू महासभा और उसके नेताओं से हमारा कोई ताल्लुक नहीं है। अब सच सामने आ गया है कि कांग्रेस के लोग ही साजिश रचते रहे हैं कि बीजेपी की छवि को राज्य में खराब कर दिया जाए।