ब्रिस्बेन (एजेंसी)। भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने बताया कि ब्रिस्बेन टेस्ट मैच की पहली पारी में जब वो बल्लेबाजी के लिए उतरे तब उनके दिमाग में टीम के कोच रवि शास्त्री की वो बाद घूम रही थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि, अगर आप इस देश में प्रदर्शन करते है तो दर्शकों से काफी सम्मान मिलेगा। शार्दुल ने मैच के तीसरे दिन आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 67 रन की पारी खेली और वॉशिंगटन सुंदर (62) के साथ सातवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी कर भारत को बेहतर स्थिति में पहुंचाया।
शार्दुल ठाकुर ने मैच के बाद कहा कि जब मैं मैदान में गया, तो स्थिति कठिन थी और मैं इससे इनकार नहीं करूंगा। दर्शक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों की हौसला अफजाई कर रहे थे। लेकिन मुझे हमारे कोच रवि शास्त्री की वनडे सीरीज से पहले की गई बातें याद थीं। उन्होंने कहा था कि अगर आप इस देश में प्रदर्शन करते हैं, तो आपको सम्मान मिलेगा।
इस तेज गेंदबाज ने कहा कि कोच ने कहा था लोग आपके प्रदर्शन के कारण आप से प्यार करेंगे और मेरे दिमाग में सिर्फ एक बात थी मुझे दर्शकों का सम्मान मिले। शार्दुल ने कह रि दिन के खेल के बाद ये मेरी टीम के लिए मददगार होगा, मेरे लिए यही सबसे बड़ी सकारात्मक बात है। मेरे दिमाग में दो ही चीजें थी। दर्शक शोर मचाएंगे लेकिन अगर मैं अच्छी बल्लेबाजी करूंगा तो वे मेरी तारीफ भी करेंगे।
दर्शकों के साथ भारतीय ड्रेसिंग रूम ने भी आउट होने के बाद खड़े होकर उनका अभिवादन किया। शार्दुल ने कहा कि उन्हें बल्लेबाजी करना पसंद है और वह मौके का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, मैं बल्लेबाजी करने में सक्षम हूं। टीम में जब भी थ्रो-डाउन विशेषज्ञ के पास समय होता है तब मैं अभ्यास करता हूं। ये ऐसे पल हैं जिसके लिए आप कड़ी मेहनत करते है। इसका इंतजार करते है कि टीम के लिए कुछ कर सके। बल्लेबाजी के समय बस यही विचार था कि क्रीज पर अधिक से अधिक समय बिताऊ ताकि रन बने और पहली पारी में रनों के अंतर को कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि ‘ए’ टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने से उन्हें काफी फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि ए टीम का दौरा दूसरी पंक्ति की टीम के लिए होता है। इससे काफी मदद मिली। हम 2016 में यहां आए थे। जब आप उस टीम में खेलते है तो राष्ट्रीय टीम में आने के बाद परिस्थितियां ज्यादा मुश्किल नहीं होती है। सुंदर के साथ साझेदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने साथ में ज्यादा बल्लेबाजी नहीं की है। एक बार टी20 मैच में और एक बार अभ्यास मैच में ही साथ खेले हैं। दोनों के पास इस स्तर पर सफल होने की मानसिकता है। ईमानदारी से कहूं तो हम स्कोर बोर्ड की तरफ नहीं देख रहे थे। वहां हमारी कोशिश समय बिताने के साथ-साथ रन बनाने की थी।