सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने गुरुवार को गौतमबुद्धनगर के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लोगो, नाम और डिजाइन को स्‍वीकृति दे दी। इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि यह एयरपोर्ट दुनिया के बेहतरीन हवाई अड्डों में से एक होगा। राज्‍य सरकार इसे विश्‍वस्‍तरीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्‍होंने कहा कि यह एयरपोर्ट भारत का गौरव बनेगा। इसे एक ‘ग्लोबल ब्रांड’ के रूप में विश्व पटल पर प्रस्तुत किया जाएगा। हवाई अड्डे का निर्माण चार फेज में किया जाना है। 

सीएम ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना से यूपी में औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। एयरपोर्ट से विनिर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ हवाई यातायात सुगम होगा। प्रदेश में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा समय में एविएशन सेक्टर बहुआयामी प्रगति का माध्यम है। इससे आर्थिक विकास में भी तेजी आती है। उन्‍होंने एयरपोर्ट के विकास में हर संभव मदद देने की बात कही।

इस एयरपोर्ट का नाम ‘नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, जेवर’ होगा, जबकि लोगो में राज्य पक्षी ‘सारस’ का अक्स है। यात्री सुविधाओं, भव्यता और हर लिहाज से सब कुछ वर्ल्‍ड क्‍लास का होगा। एयरपोर्ट की डिजाइन लंदन, मॉस्को और मिलान के विश्वप्रसिद्ध एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार की गई है। एयरपोर्ट की शुरुआती क्षमता 12 मिलियन यात्री प्रति वर्ष होगी। जिसे अलग-अलग फेज में बढ़ाते हुए 2050 तक 70 मिलियन यात्री प्रति वर्ष तक किया जाएगा। शुरू में यहां दो रन-वे होंगे। इन्‍हें बढ़ाकर पांच रन-वे तक किया जाएगा। 

प्रोजेक्ट की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए निदेशक एवं विशेष सचिव नागरिक उड्डयन, सुरेंद्र सिंह ने बताया कि विश्वस्तरीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए कंशेसनायर यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा.लि. ने बीते चार दिसंबर को मास्टर प्लान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के सामने प्रस्तुत किया था। इसे परीक्षण के लिए नागरिक विमानन मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया है। उन्‍होंने सीएम योगी आदित्‍यनाथ को बताया कि गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना के लिए आवश्यक 1334 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी कर ली है। इसके साथ ही पुनर्वास और विस्थापन के लिए 48.097 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट एयरपोर्ट में कुल 5 रन-वे होगा। वर्तमान में 2 रन-वे के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। बाकी तीन रनवे के लिए 3418 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जानी है। उन्‍होंने बताया कि कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार राज्य सरकार सहायता एग्रीमेंट की कार्यवाही पांच अप्रैल 2021 तक की जानी है। इस संबंध में कंसेशनायर ‘यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड’ को पत्र भेजा जा चुका है। इसी महीने यह काम भी पूरा हो जाएगा। 

– नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 06 जुलाई 2017 को साइट क्लीयरेंस दिया गया।
– गृह मंत्रालय द्वारा 05 अक्टूबर 2017 को और रक्षा मंत्रालय द्वारा 11 जुलाई 2018 को एयरपोर्ट के लिए नो आब्‍जेक्‍शन सर्टिफिकेट (एनओसी) दिया गया। 
– 29 नवंबर 2019 को एयरपोर्ट के लिए फाइनेंशियल बिड खोली गई। इसमें ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने सबसे अधिक प्रति यात्री दिए जाने हेतु प्रीमियम की बोली रुपए 400.97 लगाई थी।
– उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 दिसंबर 2019 को ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को सेलेक्टर बिडर घोषित कर कंडीशनल लेटर ऑफ अवार्ड दिया। 
– नौ मार्च 2020 को परियोजना को पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त हुई।
– भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय ने चार मई 2018 को सैद्धांतिक अनुमति और 18 मई 2020 को सिक्युरिटी क्लीयरेंस दे दिया। 
– ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी के एसपीयू यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा.लि. और उत्तर प्रदेश सरकार की कम्पनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के बीच कंशेसन एग्रीमेंट पर 07 अक्टूबर 2020 को दस्‍तखत हुए।
– वर्ल्‍ड क्‍लास एयरपोर्ट के निर्माण के लिए कंशेसनायर यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा.लि. ने चार दिसम्बर 2020 को मास्टर प्लान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के सामने प्रस्तुत किया। इसे परीक्षण के लिए भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय को भेजा गया। 

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