मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने वाराणसी एक दिवसीय दौरे के दौरान बीएचयू के केंद्रीय कक्ष सभागार में कोविड-19 से बचाव व चिकित्सा व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में तीव्रता अधिक है, इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाएं। मेडिकल फैसिलिटी तीव्रता से बढ़ाएं। गत अप्रैल एवं मई, 2020 की व्यवस्थाएं व सुविधाएं बहाल करें। जनरल ओपीडी को कंट्रोल करें। उसमें सीमित मरीज बुलाए। क्योंकि एक भी संक्रमित ओपीडी में पहुंचा, तो ज्यादा परेशानी बढ़ा सकता है। टेली कंसल्टेंसी सुविधा शुरू करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर निश्चित समय पर बैठे, फोन से व्यक्ति को मर्ज के बारे में दवा बताएं। घर बैठे लोगों को चिकित्सकीय सुविधा टेली कंसलटेंसी से उपलब्ध हो। गत वर्ष प्राइवेट हॉस्पिटल जो कोविड में बदले थे उन्हें पुनः सक्रिय किया जाए। प्राइवेट हॉस्पिटल के आरटी पीसीआर टेस्ट, एंटीजन टेस्ट व कोविड चिकित्सा के रेट तय करें। ताकि मरीज के साथ कोई मनमानी न होने पाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी आगाह किया कि कोविड टेस्ट करने वाली पैथोलॉजी द्वारा फेक रिपोर्ट पाई जाने पर संस्थान सील कर कार्यवाही होगी और उन्हें ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा। ऐसी विषम परिस्थितियों में मानवता दिखाने का अवसर है। यदि कोई मनमानी करता है, मरीजों का दोहन करता है तो उस पर कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय कोरोना तीव्रता से बढ़ रहा है। इसमें स्वयं स्वास्थ्य कर्मी, कोरोना वैरीयर्स, पुलिस, प्रशासन अपने को भी बचाएं। कांट्रैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाएं और सभी की टेस्टिंग हो। व्यवस्था होने पर व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहे अन्यथा अस्पताल में भर्ती हो। एल-3 व एल-2 के पर्याप्त 1000 से अधिक बेड हैं, इन्हें और बढ़ाया जाए।

उन्होंने कहा कि वाराणसी में पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित बिहार के लोग भी इलाज को आते हैं, मानवता में किसी को मना नहीं करना है। महाराष्ट्र व पंजाब की स्थिति अच्छी नहीं है। लोग वापस घरों को लौटने लगे हैं। स्पेशल ट्रेन चलेगी। रेलवे व बस स्टेशनों पर एंटीजन टेस्ट की सुविधा बहाल की जाए। ग्राम पंचायतों व नगर निकायों में निगरानी समितियां बनाये। उन्हें थर्मामीटर, सैनिटाइजर, ऑक्सीमीटर आदि दें। बाहर से आने वाले व्यक्ति पर निगाह हो उसका टेस्ट कराएं।

मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाव के लिए प्रचार- प्रसार पर जोर दिया। इसके लिए शहर व नगर में पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम बढ़ाएं। पुलिस गाड़ियों में पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम हो। जन जागरूकता अभियान बन जाए। कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई हो।इंफोर्समेंट कड़ाई से करें। चालान करें। मास्क की अनिवार्यता सुनिश्चित कराएं। पंचायत चुनाव है। गांव में कहीं जमावड़ा नहीं होने दे। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भीड़-भाड़ नहीं हो। सोशल डिस्टेंसिंग लागू हो।

मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी 11 से 14 अप्रैल तक 4 दिनी कोविड टीकाकरण उत्सव होगा। 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले एवं 14 अप्रैल को डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती है। इस 4 दिन में शहर से गांव तक हर केंद्र पर वैक्सीनेशन होगा। पर्याप्त वैक्सीन की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। इसमें कोविड नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। पूर्व की भांति पुनः एंबुलेंस डेडीकेटेड कोविड के लिए कर ली जाए। इस समय वाराणसी में 18 एंबुलेंस उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने इसे बढ़ाकर 25 करने का निर्देश दिया। कंटेनमेंट जोन लागू करें। सिविल डिफेंस, एनसीसी, होमगार्ड्स एवं पीआरडी जवान को इसमें लगाएं।

मुख्यमंत्री ने रात्रि के 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू के नाम से प्रचारित करने पर बल दिया। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन का कार्य गत अप्रैल-मई 2020 की तरह युद्ध स्तर पर किया जाए। मुख्यमंत्री ने बीएचयू से उनके संसाधनों व चिकित्सा सुविधा की जानकारी ली और अपेक्षा की कि सीनियर व विशेषज्ञ डॉक्टर भी अस्पताल के वार्डों में जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि बनारस में कोरोना के दूसरे चरण के लिए तेजी से चिकित्सा सुविधाओं को बहाल कर क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। इसे और बढ़ाते हुए लोगों को बचाव के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया।

बैठक में उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं जनपद के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, विधायक डॉ अवधेश सिंह, विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, एडीजी बृजभूषण, आईजी एस के भगत, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश सहित बीएचयू एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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