देश के अलग-अलग बीजेपीशासित राज्यों में ‘लव जिहाद’ को लेकर कानून बनाने की बात जोर-सोर से चल रही है। इसी बीच मध्य प्रदेश में भी ‘लव जिहाद’ का जिक्र करते हुए CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं मध्य प्रदेश की धरती पर ‘लव जिहाद’ चलने नहीं दूंगा। उसके लिए हम कानून बना रहे हैं। यह देश को तोड़ने का षड्यंत्र है, इसे किसी भी कीमत पर हम कामयाब नहीं होने देंगे।
मध्य प्रदेश सरकार ‘लव जिहाद’ विधेयक इस बार विधानसभा सत्र में लाएगी और यह सत्र 28 दिसंबर से शुरू होगा। इस सत्र में राज्य सरकार ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 पेश कर सकती है। इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक डॉ. गोविन्द सिंह ने मांग की कि इस सत्र को बढ़ाकर कम से कम 10 दिन का किया जाना चाहिए, ताकि सदस्य अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याएं रखने के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में विस्तृत चर्चा कर सकें।
मध्यप्रदेश विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 28 दिसंबर से शुरू होगा। यह जानकारी मध्यप्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को दी है। मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि 28 से 30 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में तीन बैठकें होंगी। उन्होंने कहा कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण सरकारी विधायी कार्य निपटाए जाएंगे।
आपको बता दें कि हरियाणा सरकार भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ जल्द कानून लेकर आने की तैयारी में है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ‘लव जिहाद’ पर कानून लाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ के पुल बांधे हैं। मंत्री विज ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए योगी कैबिनेट ने इस कानून पर अंतिम मुहर लगा दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद। हरियाणा भी ‘लव जिहाद’ पर शीघ्र कानून बनाएगा।
इससे पहले योगी सरकार ने विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह कानून प्रभावी हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के इसी कदम की तारीफ करते हुए मंत्री अनिल विज ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने भी ‘लव जिहाद’ पर कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हरियाणा में बनने वाले कानून में हिमाचल और उत्तर प्रदेश की झलक दिखाई देगी।