पठानकोट से उड़ान भरकर सेना का हेलीकाप्टर हवा में गोते खाते हुए रणजीत सागर झील में समा गया। बसाेहली क्षेत्र के चरवाहे ने देखा कि हेलीकाप्टर अचानक हवा में खोते खाने लगा और अचानक झील के ऊपर जाकर क्रैश हो गया और झील में समा गया। अगर किसी बस्ती पर जाकर गिरता तो जान-माल का नुकसान हो सकता था। हालांकि चरवाहे ने किसी को झील से बाहर आते नहीं देखा पर सूत्रों के अनुसार दोनों पायलट सुरक्षित हैं। सुरक्षाबलों ने तेज स्तर पर बचाव अभियान चलाया है और पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर ली है। हेलीकप्टर का मलबा और अन्य सामान निकाला जा रहा है।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर को लेकर दोनों पॉयलट ने पठानकोट (पंजाब) में स्थित मामून कैंट से उड़ान भरी थी कुछ ही दूरी पर जाकर उसमें कोई तकनीकी दिक्कत पेश आ गई और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होकर रणजीत सागर बांध में डूब गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह हेलीकॉप्टर नीची उड़ान भर रहा था। पर तकनीकी दिक्कत आने के बाद असंतुलित होकर यह हेलीकॉप्टर झील में उतर गया। दुर्घटना केे तुरंत बाद ही हेलीकाॅप्टर के दोनों पॉयलटों ने पेराछूट की मदद से जमीन पर छलाग लगा दी थी।
झील किनारे पशुओं को चरा रहे एक चरवाहे ने बताया कि यह हादसा साढ़े दस बजे के करीब पेश आया। उसने हवा में उड़ते हुए सेना केे हेलीकाप्टर को हवा में गोते खाते हुए देखा। उसके सामने हेलीकॉप्टर रणजीत सागर बांध में उतर गया और देखते ही देखते पानी में समा गया। उसने बचाव के लिए आसपास लोगों को बुलाया। उसने कहा कि उसने हेलीकॉप्टर को झील में डूबते हुए तो देखा परंतु हेलीकॉप्टर में सवार किसी भी सैन्य जवान को तैरकर तट तक आते नहीं देखा।
दुर्घटना के कुछ ही समय बाद मौके पर पहुंची पुलिस, सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है। स्ट्रीमर, हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। स्थानीय प्रशासनीक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बचाव दल हेलीकॉप्टर का एक पर, दो बैग, जूते, हेलमेट झील की गहराई से निकाली है। बसोहली पुलिस ने सभी सामान को अपने कब्जे में ले लिया है। बसोहली के स्थानीय गोताखोर पंजाब से आए एसडीआरएफ के दल साथ मिलकर लगातार झील की गहराई में जाकर तलाशी अभियान चलाए हुए हैं। किनारों पर खड़े लोगों का कहना है कि पानी में तेरता हेलीकॉप्टर का पेट्रोल अभियान मेंं बाधा बन रहा है। उसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत आ रही है। इन तमाम परेशानियों के बावजूद बचाव अभियान जारी है।