चीन के आधिकारिक मीडिया, जैसे कि शिन्हुआ समाचार एजेंसी, पीपल्स डेली और चाइना सेंट्रल टेलिविज़न की ओर से इस प्रतिबंध पर कोई प्रतिक्रिया नज़र नहीं आई है। वे सीमा तनाव को लेकर आमतौर पर चीनी विदेश मंत्रालय के रवैये को ही अपनाते हैं।
हालांकि, सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने फिर से सीमा तनाव के लिए भारत को ज़िम्मेदार बताया है और कहा है कि ऐप्स पर लगाया गया प्रतिबंध “अल्ट्रा-नेशनलिज़्म” की लहर का हिस्सा है।
इस अंग्रेज़ी अख़बार ने लिखा है, “अचानक उठाया गया यह क़दम भारतीय सैनिकों द्वारा सीमा पार करके चीन के साथ अवैध गतिविधियां शुरू करने और चीनी सैनिकों पर हमला करने के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद आया है। उसके बाद से ही भारत पर अल्ट्रा-नैशनलिज़म हावी हो गया है। “
समाचार और कमेंट्री वेबसाइट Guancha.cn ने कहा है कि गलवान घाटी में ‘जानबूझकर उकसाकर’ और चीनी उत्पादों के बहिष्कार से भारत अपना ही नुक़सान करेगा।
ग्लोबल टाइम्स की चीनी भाषा वाली वेबसाइट में इस बात को दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे भारतीय मीडिया इस प्रतिबंध के कारण भारतीयों की नौकरियां जाने को लेकर चिंतित है। इसमें कहा गया है कि दीपिका पादुकोण, सारा अली ख़ान, शाहिद कपूर और माधुरी दीक्षित जैसे बॉलिवुड सितारे अपने प्रशंसकों से संपर्क में रहने और अपनी फ़िल्मों को प्रमोट करने के लिए कैसे टिकटॉक इस्तेमाल करते थे।
अख़बार में यह भी कहा गया है कि बहिष्कार करने का अभियान पहले ही भारत में काम कर रही चीनी कंपनियों को प्रभावित कर रहा था। इसमें नाम दिए बिना किसी चीनी मोबाइल कंपनी के भारत में मौजूद कर्मचारी के हवाले से लिखा गया है कि कोरोना महामारी और बहिष्कार के अभियान के कारण कंपनी की सेल ‘काफ़ी प्रभावित’ हुई है।