बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से मोदी सरकार ने मुफ्त में पांच महीने अनाज उपलब्ध कराने का दांव चलकर सियासी समीकरण साधने की कवायद की है। बिहार में छठ पूजन एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। ऐसे में पीएम ने छठ तक के लिए अनाज मुफ्त देने का ऐलान कर गरीबों का साधने की कोशिश की है. वहीं, पीएम ने इससे पहले गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरुआत भी बिहार से ही की है। इसके जरिए देश के अलग-अलग शहरों से बिहार वापस लौटे श्रमिकों को 25 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

वरिष्ठ पत्रकार अलोक मेहता ने कहा कि पीएम ने गरीब आदमी के लिए जिस तरह से अनाज मुफ्त देने की घोषणा की है, इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए। गरीब के लिए हमेशा अनाज का संकट होता है और उसे हर हाल में अनाज की चिंता लगी रहती है। ऐसे में कोरोना संकट काल में पीएम मोदी ने पांच महीने के लिए मुफ्त अनाज देकर बड़ी राहत देने का काम किया है।
तेजस्वी यादव ने कसा तंज
वहीं, पीएम मोदी के बयान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तंजा कसते हुए कहा कि बिहार में जब लोग मर रहे हैं तो इन्हें चुनाव प्रचार की फिक्र लगी हुई है। बिहार की हालत काफी खराब है। पीएम एक दिन बिहार आएं तो सही तरीके से पता चलेगा। नीतीश कुमार तो पिछले 90 दिनों से घर से निकले ही नहीं और एक दिन निकले तो पर्दा लगाकर निकले।