लद्दाख। चीन अब भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। सैन्य कमांडरों के बीच चौथे दौर की वार्ता के एक सप्ताह के बाद भी पैंगोंग लेक इलाके में भारत एवं चीनी सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। चीनी सेना फिंगर-5 इलाके में डटी हुई है तथा पिछले छह दिनों में उसके पीछे हटने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग इलाके में स्थिति पहले की तरह बनी हुई। चीनी सेना फिंगर-4 इलाके से हटी है लेकिन फिंगर-5 से लेकर फिंगर-8 तक का इलाके पर वह अभी भी काबिज है।
सैन्य कमांडरों की 14 जुलाई को हुई मैराथन बैठक में पैंगोंग इलाके के गतिरोध पर खास तौर पर चर्चा हुई थी। इसमें दोनों सेनाओं ने टकराव कम करने और पीछे हटने पर सहमति प्रकट की थी। हालांकि वह सहमति पैंगोंग इलाके में जमीन पर उतरती नहीं दिख रही है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि चार इलाकों गलवान घाटी, गोगरा, हाट स्प्रिंग्स और फिंगर-4 से भले ही चीनी सेना पीछे हट गई हो लेकिन पूरा फिंगर इलाके से उसका पीछे हटना बेहद अहम है। डेपसांग में भी चीनी बलों की अधिक संख्या में तैनाती चिंताजनक है। सुरक्षाबलों की चिंता फिंगर इलाके को लेकर है जहां वह भारतीय दावे वाले क्षेत्रों में चीनी सेना मौजूद है। सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर चीन के ठंडे रुख के चलते अगले कुछ दिनों में सैन्य या कूटनीतिक स्तर पर कुछ और बैठक होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में चीनी सेना पीछे हटी है, वहां से और पीछे हटने पर भी सहमति पिछली बैठकों में बनी है लेकिन इस दिशा में भी कोई प्रगति नहीं हुई है। दरअसल, चीनी सेना गलवान घाटी, गोगरा, हाट स्प्रिंग्स आदि इलाकों में करीब दो-तीन किमी पीछे हटी हुई है लेकिन जहां उसकी मौजूदगी है, वहां से भी उसे पीछे हटना है। इस पर पिछली बैठक में सहमति भी बनी थी।