एक ओर बातचीत और दूसरी ओर तनाव पैदा करने वाले बयान। अपने दोमुहेपन से बाज नहीं आ रहा है चीन। मंगलवार को उसने कहा है कि उनका देश भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को मान्यता नहीं देता है और विवादित सीमा में किसी भी तरह के निर्माण का विरोध करता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “चीन भारत की ओर से अवैध तरीके से बनाए गए कथित केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को मान्यता नहीं देता है। चीन विवादित सीमाई इलाकों में सैन्य नियंत्रण के मकसद से बनाए जा रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर का कड़ा विरोध करता है।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वेनबिन ने कहा कि चीन और भारत के बीच हाल ही में इस बात को लेकर सहमति बनी है कि कोई भी पक्ष सीमाई इलाकों में कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाएगा जिससे हालात और गंभीर हों। इससे हालात सुधारने की दोनों पक्षों की कोशिशों को झटका नहीं लगेगा।
जब अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था तो पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की तरफ से भी आपत्ति आई थी। चीन की आपत्ति लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने को लेकर थी |
यही नहीं, चीन ने पाकिस्तान की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया। दरअसल, चीन का कश्मीर के एक बड़े हिस्से अक्साई चिन पर कब्जा है जो लद्दाख के ठीक पूर्व में स्थित है।लद्दाख पर केंद्र सरकार का सीधा नियंत्रण चीन के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के फैसले पर आपत्ति जताते हुए चीन के विदेश मंत्री ने कहा था कि इस कदम से चीन की संप्रभुता के लिए चुनौती पैदा होती है और इससे दोनों देशों के बीच सीमाई इलाके में शांति व स्थिरता कायम रखने के समझौते का भी उल्लंघन हुआ है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एस. जयशंकर से मुलाकात में भी ये बात दोहराई थी कि भारत के नए फैसले में ‘चीनी क्षेत्र’ शामिल है।