उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर जिले में धान क्रय केंद्रों, गन्ना खरीद केंद्रों व गौआश्रय स्थलों का दौरा करने को कहा है। अफसर तीन दिन 27, 28 व 29 दिसंबर तक जिलों में ही रहकर किसान नेताओं से भी बातचीत करेंगे।
असल में मुख्यमंत्री ने कुछ क्रय केंद्रों पर शिकायत मिलने को काफी गंभीरता से लिया है। शनिवार को इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों की बैठक की और जरूर निर्देश दिए। इस दौरान विकास कार्यों, कोविड-19 से बचाव संबंधी कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानकारी लेंगे।
मुख्यमंत्री शनिवार को लोक भवन में समीक्षा के दौरान कहा कि नोडल अधिकारी जिले में गौ-आश्रय स्थलों की व्यवस्था, विशेष वरासत अभियान, विद्युत आपूर्ति और किसानों को उपलब्ध कराई जा रही सिंचाई सुविधा की भी समीक्षा करें। सभी नोडल अधिकारी रविवार को पूर्वाह्न अपने-अपने जिलों में पहुंच जाएं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सभी नोडल अधिकारी जिलों में पहुंचकर धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण करने के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश देंगे, जिससे धान क्रय की कार्यवाही सुचारु रूप से चल सके। निरीक्षण के दौरान धान क्रय के संबंध में शिकायत मिलने पर उनकी पुष्टि होने के बाद संबंधित कर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी नोडल अधिकारी निरीक्षण रिपोर्ट खाद्य एवं रसद विभाग को 30 दिसंबर को उपलब्ध कराने के साथ कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के वेबसाइट upkkv.in पर अपलोड करेंगे। धान क्रय केंद्र पर जाकर नोडल अधिकारी वास्तविक स्थिति, किसानों का डेटा रखे जाने की स्थिति, धान क्रय केंद्रों के मिल से संबद्धीकरण की स्थिति, न होने की स्थिति पर डीएम द्वारा की गई कार्यवाही की स्थिति की जानकारी लेंगे। इसके साथ ही केंद्र पर खरीदे गए धान के चावल मिल भेजने की स्थिति, खरीदे गए धान को 14 घंटे के अंदर मिल को भेजने के कारण, धान क्रय केंद्र पर बैनर लगाया गया या नहीं और इसमें एमएसपी और टोल-फ्री नंबर लिखा गया है या नहीं इसकी जानकारी लेंगे।
क्रय केंद्र पर धान की सफाई के लिए विनोई फैन, दो जाली का छलना व नमी मापक यंत्र की उपलब्धता, धान से भरे बोरों पर निर्धारित कोड लिखा होना, क्रय केंद्र पर खरीद से संबंधित अभिलेखों की उपलब्धता, क्रय केंद्र द्वारा किसानों को पीएफएमएस से खरीद के 72 घंटे के अंदर कितना भुगतान करने और कितना हुआ इसकी जानकारी लेंगे। क्रय केंद्रों पर घटतौली या कम भुगतान की शिकायत और उसके निवारण, घटतौली या कम भुगतान की शिकायत की जांच कराकर इसकी पुष्टि पर दोषी प्रभारी के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि चेक लिस्ट में ई-उपार्जन के माध्यम से केंद्र पर धान खरीद की रियल टाइम एंट्री करने, कुछ किसानों से मोबाइल नंबर लेकर धान क्रय की वास्तविक स्थिति की जानकारी लेंगे। क्रय केंद्र पर उपस्थित किसानों के नाम व उनसे वार्ता में प्राप्त शिकायतों व सुझावों, किसी क्षेत्र में किसानों को एमएसपी से कम मूल्य पर धान विक्रय करने के लिए मजबूर तो नहीं होना पड़ रहा है। निरीक्षण के समय अन्य अनियमितता, जो प्रकाश में आई हो इसको भी शामिल किया जाएगा।