दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के बाहर पहलवान सागर हत्याकांड मामले में आरोपी ओलंपिक पदक विजेता सुशील पहलवान को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद अदालत के समक्ष पेश किया गया। जहां से अदालत ने एक बार फिर पहलवान की न्यायिक हिरासत अवधि 14 दिन और बढ़ा दी है। जेल प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि सुशील को 9 जुलाई को पुन: अदालत के समक्ष पेश किया जाए।

रोहिणी स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मयंक अग्रवाल की अदालत के समक्ष सुशील पहलवान की पेशी हुई। इस मामले के जांच अधिकारी ने अदालत के समक्ष आरोपी की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। ज्ञात रहे कि सुशील पर हत्या, गैर-इरादतन हत्या और अपहरण का आरोप है। उनके साथ 9 अन्य लोग भी न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस के मुताबिक, सुशील कुमार व अन्य पर कथित संपत्ति विवाद को लेकर अपने साथियों के साथ मिलकर चार मई और पांच मई के बीच स्टेडियम में सागर धनखड़ और उसके दो दोस्तों की पिटाई की थी। बाद में 23 वर्षीय सागर की चोटों के कारण मौत हो गई थी।

पुलिस ने दावा किया कि सुशील कुमार हत्या का मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड है और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी उपलब्ध हैं जिसमें सुशील कुमार और उसके साथियों को सागर की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। सुशील कुमार को 23 मई को उनके साथी अजय कुमार सहरावत के साथ पकड़ा गया। अभी तक वह 10 दिन की पुलिस रिमांड व 23 दिनों न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। घटना के संबंध में सुशील कुमार समेत कुल 10 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है।

बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल सुशील कुमार व अन्य को मंडोली जेल से अब तिहाड़ की जेल नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया गया है। दरअसल कोविड-19 के कारण नए मामलों में गिरफ्तार हो रहे लोगोंं को क्वारंटाइन करने के लिए मंडोली जेल के स्टाॅफ क्वाटर में व्यवस्था की गई है। दिल्ली में कहीं से भी पकड़े गए आरोपी को पहले 14 दिन तक मंडोली जेल में क्वारंटाइन में रखा जाता है, उसके बाद उन्हें संबंधित जेलों में भेजा जा रहा है। सुशील को मंडोली जेल में 23 दिन हो गए थे, इसलिए उसे अब तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।

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