देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम रहा। माना जा रहा है कि हिमालय क्षेत्रों से दिल्ली आ रही हवाएं तापमान में गिरावट ला रही हैं। मौसम विभाग की मानें तो गिरता हुआ यह पारा दिल्ली में शीत लहर की दस्तक दे रहा है। वहीं इस बार अक्टूबर माह इतना ठंडा रहा कि लगभग 6 दशक का रिकॉर्ड टूट गया।

मौसम वैज्ञानिक लगा रहे सर्दी का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. के. जेनामनी ने बताया कि अब तक जो तस्वीर सामने है उसमें 20 नवंबर की रात यानी कार्तिक के महीने मे दिल्ली में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री दर्ज किया गया है जो हैरतअंगेज है। उनके अनुसार यह काफी कम तापमान माना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी दो रातें यानी 21 और 22 नवंबर को यदि तापमान 6 डिग्री या 6.5 डिग्री दर्ज किया जाता है तो इसे शीत लहर (कोल्ड वेव) माना जाएगा।

इससे पहले नवंबर 2016 में हुई थी इतनी सर्दी

बता दें इससे पहले नवंबर 2016 में ऐसी ठंड पड़ी थी। जेनामनी ने बताया कि 15 नवंबर को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हुई हल्की बारिश और हिमाचल व जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद इसका असर हमें 19 नवंबर को देखने को मिला क्योंकि बीच में हवा की गति तेज नहीं थी।

पहाड़ों पर बर्फबारी से शीत लहर

उत्तर भारत में ठंड बढ़ने का एक कारण यह भी है कि 19 नवंबर की रात से हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से चल रही है इसलिए ठंड भी बढ़ रही है। इस कारण से तापमान में गिरावट की संभावना बनी रहेगी। साथ ही साथ इसे शीत लहर भी माना जा सकता है क्योंकि जब-जब हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हुई है वैसे-वैसे मैदानी इलाकों में भी ठंड बढ़ना शुरू हो जाती है। जेनामनी ने कहा इस बार शीत लहर के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से एक कोविड भी है। इसके अलावा ठंड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जिसे लेकर मौसम विभाग जल्द ही एक रिपोर्ट जारी करेगा।

इस बार पड़ेगी ज्यादा ठंड

आर के जेनामनी ने बताया कि हमने यह पाया है कि जब कभी प्रशांत महासागर में तापमान में ज्यादा गिरावट आती है तो उत्तर भारत में भी तापमान में गिरावट होती है। इस बार सर्दी बढ़ेगी या कम होगी इसकी तस्वीर नवंबर के आखिर तक साफ हो जाएगी।

बारिश और कोहरे की स्थिति

आर. के. जेनामनी ने बताया कि यदि ठंड ज्यादा होगी तो कोहरा कम होगा लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोहरे का अनुमान लगा पाना बेहद कठिन होता है। हालांकि ठंड का अनुमान लगा पाना आसान है।

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