देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और ऑक्सीजन की किल्लत के बीच भारत सरकार ने कहा कि केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निर्देशन में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, इस्पात मंत्रालय और दूसरी निजी कंपनियां लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सरकार के प्रयासों को पूरा करने के लिए अपनी पूरी कोशिश जारी है।

इस्पात संयंत्रों की कुल रोजाना मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 2834 मीट्रिक टन है। इस्पात क्षेत्र में 33 ऑक्सीजन संयंत्र हैं, जिनमें से 29 नियमित रूप से काम कर रहे हैं। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के रोजाना उत्पादन क्षमता 2834 मीट्रिक टन के मुकाबले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन 24 अप्रैल को 3474 मीट्रिक टन है।

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पीआरओ ने कहा कि बीपीसीएल मुंबई रिफाइनरी के पास महाराष्ट्र सरकार की ओर से स्थापित किए जा रहे जंबो कोविड केंद्र तक पाइपलाइन के माध्यम से प्रतिदिन 40 टन गैसी ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए तैयार है।

भारत सरकार ने कहा कि ये लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता से अधिक है क्योंकि अधिकांश इकाइयों ने नाइट्रोजन और आर्गन का उत्पादन कम कर दिया है और अब केवल लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है। स्टील प्लांट की तरफ से 24 अप्रैल को 2894 टन अलग-अलग राज्यों में भेजे गए जबकि एक हफ्ते पहले ये 1500/1700 मीट्रिक टन प्रतिदिन था।

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