कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के चलते ऑक्‍सीजन को लेकर संकट गहरा गया। प्रमुख अस्पतालों में मेडिकल ऑक्‍सीजन की कमी हो गई। ऐसे में इस मुश्किल घड़ी से उबरने में देश के प्रमुख उद्यमियों ने मदद के हाथ बढ़ाएं। टाटा, जिंदल स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, वेदांता और इंडियन ऑयल जैसी बड़ी कंपनियों ने ऑक्‍सीजन की सप्लाई बहाल कराने की पूरी कोशिश की। उनकी इसी कोशिश को व्‍यापारी संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने जमकर सराहा है।

इतना ही नहीं कैट के अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने देश की मदद के लिए आगे आए उद्यमियों को देश के बेटे कहकर भी बुलाया। उन्होंने कहा, देश के प्रमुख उद्यमियों ने इस मुश्किल दौर में हर दिन मेडिकल ऑक्‍सीजन की निर्बाध आपूर्ति कराई। कोरोना संकट के बीच उन्होंने सराहनीय काम किया है। उन्होंने मदद के लिए आगे आकर साबित किया क‍ि वे वास्‍तव में देश के बेटे-बेटियां हैं।

भरतिया ने यह भी कहा, ‘हो सकता है कि हम सभी उद्यमियों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद हों, लेकिन राष्‍ट्र के लिए सभी एकसाथ खड़े हुए और आगे बढ़कर मदद की। उद्यमियों ने तब मदद की जब देश में ऑक्‍सीजन की कमी के कारण हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में उनका प्रयास सराहनीय है।

विदेशी कंपनियों को लिया आड़े हाथ

खंडेलवाल और भरतिया ने एक तरफ जहां भारतीय उद्यमियों की तारीफ की। वहीं इस मुश्किल घड़ी में विदेशी कंपनियों के आगे न आने पर उन्हें आड़े हाथ भी लिया। उन्होंने कहा, भारत के सामने खड़े हुए मुश्किल हालात के बीच किसी भी विदेशी कंपनी ने आगे आकर हमारी मदद नहीं की है, जबकि ये कंपनियां हमारी जमीन पर कारोबार कर हर साल तगड़ा मुनाफा कमाती हैं। यही नहीं, कुछ कंपनियां गलत तरीकों का इस्‍तेमाल करके और कानूनों का उल्‍लंघन करके भी हर साल अरबों रुपये की कमाई कर रही हैं।

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