बंगाल में पिछले साल भाजपा में शामिल होने वाले तृणमूल कांग्रेस सांसद सुनील मंडल ने कहा कि वह अब भी टीएमसी के सदस्य हैं और बने रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दल-बदल कानून के तहत मंडल को अयोग्य करार दिये जाने के लिये लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को प्रतिवेदन भेजे थे।
पार्टी ने कहा कि मंडल वापसी से पहले ”परीवीक्षा” पर हैं और उन्हें भाजपा विरोधी कार्यक्रमों में भाग लेकर अपने राजनीतिक विश्वास को साबित करने के लिए कहा गया है। भाजपा ने दावा किया कि अगर कुछ ”मौसमी परिंदे” पार्टी छोड़ देते हैं तो इसकी संभावनाएं प्रभावित नहीं होंगी। मंडल ने कहा, ”पार्टी के साथ कुछ गलतफहमी थी। लेकिन मैं कभी भी आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल नहीं हुआ। यह मेरी एक गलती थी, और कुछ गलतफहमियां हुईं। लेकिन न तो मैंने आधिकारिक तौर पर टीएमसी से इस्तीफा दिया था, न ही पार्टी ने मुझे निष्कासित किया।
मैं अब भी टीएमसी का सदस्य हूं और आखिरी दिन तक बना रहूंगा।” यह पूछे जाने पर कि वह तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी के साथ पिछले साल 19 दिसंबर को मेदिनीपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे तो मंडल ने कहा कि वह मंच पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कभी झंडा नहीं थामा। उन्होंने कहा, ”मैं वहां सुवेंदु अधिकारी के साथ गया था, लेकिन आप कोई ऐसी तस्वीर नहीं दिखा सकते जहां मैं भाजपा के झंडे के साथ खड़ा दिख रहा हूं।” घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा, ”वह फिलहाल परिवीक्षा पर हैं।”मंडल ने पिछले साल जब पार्टी छोड़ने का फैसला किया था , तब राय उनके साथ बातचीत में शामिल थे।
भाजपा की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि कुछ ”मौसमी परिंदे” चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, ”अब, जैसा कि हम सत्ता में नहीं आए, वे वापस जाने में व्यस्त हैं। इससे बंगाल में पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”