उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है। शुक्रवार को अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए कहा कि ‘देश और प्रदेश के प्रधान के बीच परस्पर प्रशंसा का जो आदान-प्रदान हो रहा है उसके बीच देश-प्रदेश की जनता पिस रही है।’ पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा की सोची समझी रणनीति के तहत ऐसा किया जा रहा है ताकि जनता भ्रम में रहे और बिना इलाज हो रही बेमौतों पर पर्दा पड़ा रहे।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा, ‘देश और प्रदेश के प्रधान के बीच परस्पर प्रशंसा का जो आदान-प्रदान हो रहा है उसके बीच देश-प्रदेश की जनता पिस रही है। जितना समय एक-दूसरे की झूठी तारीफ़ में दिया जा रहा है, उतना अगर कोरोना के टीके, बेड, ऑक्सीजन की व्यवस्था में दिया जाए तो शायद कुछ और लोगों की जान बच जाए।’

अखिलेश यादव ने कहा, कोरोना महामारी और ब्लैक फंगस के आतंक के बीच भी भाजपा सरकार सच को पूरी तरह नकारने, जनता में भ्रम फैलाने और झूठी वाहवाही लेने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। देश के प्रधानमंत्री जी ‘जहॉ बीमार, वहीं उपचार’ का नया मंत्र लेकर आ गए हैं। 7 वर्ष में बहुत काम होने का प्रशस्ति मेडल भी उन्होंने खुद अपने नाम कर लिया है। मुख्यमंत्री की मजबूरी है हां में हां मिलाने की। शहर से गांव तक पूरे राज्य में चिकित्सा व्यवस्था बर्बाद करने के बाद भी बधाई का आदान प्रदान चलता रहता है।

अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री की माने तो आंकड़ों और जुबानी दावों के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण, ब्लैक फंगस और टीकाकरण सभी क्षेत्रों में हवाई कन्ट्रोल हो चुका है। जबकि शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं पर बदइंतजामी का ताला पड़ा हुआ है। दवा, इलाज के लिए हाहाकार मचा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मान लिया है कि उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों से भी कोरोनारोधी टीकाकरण के मामलों में उत्तर प्रदेश बहुत पीछे है। कागजों पर इलाज, जमीन पर बेइलाज यही प्रदेश की नियति हो गयी है।

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