महागठबंधन ने तीसरे चरण में सबसे अधिक 30 फीसदी अल्पसंख्यक उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इस चरण में 78 सीटों पर मतदान होने हैं। महागठबंधन के 23 प्रत्याशी अल्पसंख्यक हैं, जो अपने विरोधी को चुनौती दे रहे हैं। इस चरण में चार ऐसी सीटें भी हैं जहां दोनों मुख्य गठबंधन ह्यएनडीए और महागठबंधनह्ण के उम्मीदवार अल्पसंख्यक हैं। एनडीए ने इस चरण में छह अल्पसंख्यकों को टिकट दिया है।
तीसरे चरण में जिन चार सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के अल्पसंख्यकों के बीच टक्कर है, उनमें अररिया, ठाकुरगंज, कोचाधामन और अमौर शामिल है। अररिया से कांग्रेस उम्मीदवार अबिदुर्रहमान और जदयू की शगुफ्ता अजीम आमने-सामने हैं। ठाकुरगंज से राजद के साउद आलम और जदयू के नौशाद आलम के बीच टक्कर है। कोचाधामन में राजद के शाहिद आलम और जदयू के मुजाहिद आलम एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं।
इसी प्रकार अमौर में कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान और जदयू के सबा जफर ताल ठोके हुए हैं। इसके अलावा कांटी में दोनों मुख्य गठबंधन के उम्मीदवार अल्पसंख्यक हैं, जहां पर दूसरे चरण में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। तीसरे चरण में महागठबंधन के अल्पसंख्यक उम्मीदवार जिन सीटों पर मैदान में हैं, उनमें उक्त चारों के अलावा नरकटिया, ढाका, सुरसंड, बिस्फी, सुपौल, फारबिसगंज, सिमरी बख्तियारपुर, केवटी, जाले, औराई, समस्तीपुर, जोकिहाट, सिकटी, किशनगंज, वायसी, कस्बा, कदवा, बलरामपुर और प्राणपुर शामिल हैं। एनडीए से सिकटा और महुआ में भी अल्पसंख्यक उम्मीदवार हैं।