नई दिल्ली । हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए बिहार में चुनाव टालने की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर को गयी थी। लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए कि चुनाव आयोग सक्षम है और याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम अदालत का फैसला आने के बाद चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान करने में विलम्ब नहीं किया। इस बार तीन चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान  28 अक्टूबर, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर और तीसरे चरण का मतदान  7 नवंबर को होगा। चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।

पहले चरण में 71 सीटों पर चुनाव, 31 हजार पोलिंग स्टेशन, दूसरे चरण में 94 सीटों पर चुनाव, 42 हजार पोलिंग स्टेशन और तीसरे चरण में 78 सीटों पर चुनाव, 33.5 हजार पोलिंग स्टेशन। कुल 243 सीटों के लिए मतदान होगा।

  कोरोना कहर के बीच देश में इस पहले बडे चुनाव में इस बार काफी कुछ नया होगा। इस बार चुनाव में 7 करोड 79 लाख वोटर है । 3 करोड़ 79 लाख पुरूष वोटर और 3 करोड 39 लाख महिला वोटर हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बार वोट डालने के लिए एक घंटा अधिक वक्त रखा गया है।  सुबह सात से शाम 6 बजे तक मतदान होगा लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐसा नहीं होगा।  इस बार पोलिंग स्टेशन की संख्या और मैनपावर को बढ़ाया गया है। मतदान के अंतिम समय में कोरोना पीड़ित अपना वोट डाल सकेंगे, जिनके लिए अलग व्यवस्था होगी। प्रचार मूल रूप से वर्चुअल ही होगा, लेकिन डीएम छोटी रैली की जगह और वक्त तय करेंगे। हर पोलिंग बूथ पर साबुन, सैनिटाइजर समेत अन्य चीजों की व्यवस्था की जाएगी।  बिहार में 2020 के चुनाव में सात करोड़ से अधिक वोटर मतदान करेंगे।

इस बार एक बूथ पर सिर्फ एक हजार ही मतदाता होंगे।  इस बार चुनाव में 6 लाख पीपीई किट राज्य चुनाव आयोग को दी जाएंगी, 46 लाख मास्क का इस्तेमाल भी होगा। सात लाख हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही 6 लाख फेस शील्ड को उपयोग में लाया जाएगा। 18 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, इनमें से 16 लाख वोट डाल सकते हैं. 80 साल की उम्र तक के लोग पोस्टल बैलेट से वोट डाल पाएंगे।