लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप के माड्यूल समर्थित अंसार गजवातुल हिंदू के दो आतंकियों मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन से पूछताछ के आधार पर कानपुर में उनके मददगारों की धरपकड़ तेज हुई है। यूपी पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने सोमवार को एक प्रोफेसर और एक बिल्डर समेत पांच अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि प्रोफेसर को देर रात छोड़ दिया गया। रविवार रात भी एटीएस ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया था। कानपुर से अब तक सात लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और इनसे पूछताछ की जा रही है। इस बीच यहां से आतंकियों को फंडिंग किए जाने की सूचना भी सामने आई है।

लखनऊ में पकड़े गए मसीरुद्दीन और मिनहाज से पूछताछ में पता चला था कि उनके कई मददगार कानपुर में हैं। इसके आधार पर एटीएस ने रविवार देर रात तक छापेमारी करके जाजमऊ और पेचबाग इलाकों से एक-एक संदिग्ध को हिरासत में लिया था। सोमवार सुबह होते ही एटीएस ने दोबारा से छापेमारी शुरू की। पुलिस ने जाजमऊ, बेकनगंज, चमनगंज, चकेरी व अनवरगंज में करीब एक दर्जन ठिकानों पर छापा मारा। इस कार्रवाई में पांच अन्य को हिरासत में लिया गया है, जिसमें से एक चमनगंज का चर्चित बिल्डर भी है। अवैध इमारतों के लिए चर्चित इस बिल्डर के बारे में बताया जा रहा है कि इसने आतंकवादियों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई थी। आतंकियों के कानपुर दौरे के समय इन्हें वाहन व ठहरने का ठिकाना भी इसी ने उपलब्ध कराया था।

इसके अलावा सुबह के समय एटीएस शहर के एक विश्वविद्यालय पहुंची और वहां के गेस्ट हाउस में करीब एक घंटे रुकी। एक प्रोफेसर को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई, लेकिन देर रात उन्हें छोड़ दिया गया। चमनगंज क्षेत्र के एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश और उसके दो साथियों को भी एटीएस ने उठाया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने आतंकियों को असलहे व बारूद उपलब्ध करा रहे थे।

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