पांच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष पश्चात आई पांच अगस्त 2020 को 12 बज कर 44 मिनट 8 सेकेन्ड की अविस्मरणीय शुभ घडी
पदम पति शर्मा
सब कुछ निश्चित समयानुसार चला। निर्धारित समय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली से विमान द्रारा रवाना हुए और लखनऊ पहुंचने में भी विलम्ब नहीं हुआ।वहाँ से प्रधानमंत्री ने वायुसेना के हेलीकाप्टर से अयोध्या प्रस्थान किया ।साकेत महाविद्यालय मे उनका हेलीपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए स्वागत किया । हेलीपैड पर मौजूद सभी मास्क और सोशल डिस्टेन्सिग का पूर्णाता के साथ पालन करते दिखे।
वहां से गाड़ियो का लंबा काफिला चला राम मंदिर द्वार के प्रहरी राम भक्त हनुमानजी से आशीर्वाद लेने हनुमानगढी की ओर ।
भगवाकुर्ता और धोती पहने मोदी जी के गले मे केसरिया दुपट्टा था। उनके साथ दो मीटर की दूरी बनाते हुए योगी जी ने पीएम के साथ परिक्रमा की। महन्त जी ने मुकुटजडित पगडी और भगवा अंग वस्त्र प्रधानमंत्री जी को भेंट किया। मोदी जी ने आरती की और दस मिनट के पूजन पश्चात राम लला मंदिर की ओर का रुख किया।
राम लला की चौखट पर प्रधानमंत्री जी श्रद्धानत होकर शाष्टटान्ग दंडवत करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम के बाल स्वरूप का दर्शन करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हो गये।
यहाँ भी पीएम ने आरती उतारी और लगातार हो रही शंख ध्वनि के बीच ठुमक चलत रामचंद्र” स्वरूप में विराज रहे रामलला के चरणों में शीश नवाया।
इसके बाद मोदी जी निश्चित समय पर भूमि पूजन के लिए बैठे। काशी के कर्मकांडी विद्वानों के मंत्रोच्चार के बीच मोदी जी ने पूरे विधि-विधान के साथ । अब आ गया था वह समय। जिस शुभ मुहूर्त का था इन्तजार उसका सपना होने जा रहा था साकार । 1991 मे भाजपा के दिगागज मुरली मनोहर जोशी जी के साथ अयोध्या आए नरेन्द्र मोदी जी से जब पूछा कि फिर रामनगरी मे आपका फिर आगमन होगा ? मोदी जी का जवाब था, ” भगवान राम का जब मंदिर बनेगा तब आऊगा। उनकी जिभ्या पर मानो सरस्वती बैठ गयी थी। देखिए कि जब मध्यान्ह बाद ठीक 12 बज कर 44 मिनट 8 सेकेन्ड के शुभ मुहूर्त मे मोदी जी ने भूमि पूजन के उपरान्त चांदी की पहली ईट नीव मे रखी तब शायद 29 बरस पहले उन्होने ये कल्पना नहीं की होगी कि वो बतौर प्रधान मंत्री अपना वह संकल्प पूरा करेंगे।