अंतरिक्ष में होने वाली अनोखी घटनाओं के बारे में जानने के लिए लोग हमेशा ही उत्सुक दिखाई देते हैं। आज यानी शनिवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है। शाम 5 बजे मंगल ग्रह पर एक दुर्लभ चंद्रग्रहण का नजारा दिखाई दिया है। ये वो नजारा है, जब चांद धरती और मंगल के बीच आ जाता है। साल में दो बार दिखने वाले इस नजारे को खुली आंखों से देखा जा सकता है। लोग मंगल को काले बादलों में लाल डॉट की तरह देख सकते हैं। हालांकि इस बार नजारे को केवल भारत, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका से ही देखा गया है।
इस घटना के दौरान चंद्रमा ने करीब डेढ़ घंटे तक मंगल ग्रह को पूरी तरह से कवर किया है। मंगल पर चंद्रग्रहण उस समय होता है, जब मंगल के सामने से चांद गुजरता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, ग्रहण तब लगता है कि जब कोई चीज किसी अन्य चीज के सामने से गुजरती है, जो आकार में अधिक छोटी हो। उदाहरण के तौर पर चांद का किसी दूर के तारे के सामने से गुजरना।
नासा को खोज करने में मिली थी मदद
इसी तरह के एक ग्रहण ने अरुण नाम के ग्रह के रिंग्स की खोज करने में मदद की थी। जिसे नासा के क्युइपर एयरबोर्न ऑब्जरवेटरी से खोजा गया था। ऐसा तब संभव हुआ, जब ग्रह तारे के सामने आ गया था। हालांकि मंगल पर चंद्रग्रहण साल में दो बार लगता है, जिसे धरती से देखा जा सकता है। लेकिन अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि ये नजारा देखने के लिए इंसान का सही समय पर सही स्थान पर होना जरूरी है। इससे पहले पूर्णप्रजना अमातुर एस्ट्रोनॉमर्स क्लब ने कहा था कि भारत में उडुपी और दक्षिण कन्नडा के लोग इसे देख सकते हैं।
एक जगह पर आते हैं चंद्रमा-तारा
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट में लोगों को सलाह दी गई है कि वह चांद की ओर देखें, जब सूर्यास्त के बाद करीब 90 मिनट तक शाम अंधेरे में बदलने लगे। इसमें ग्रहण का समय 30 मिनट तक का बताया गया है। एस्ट्रोनॉमर्स विदआउट बॉर्डर्स ग्रुप के इटली के नेशनल कॉर्डिनेटर गियानलुसा मासी के अनुसार, महीने में एक बार चांद और चमकता हुआ ग्रह आसमान में एक ही स्थान पर आते हैं। मासी का कहना है, ‘हर समय चंद्रमा और चमकता हुआ तारा आसमान में एक ही जगह पर ठहरते हैं, आमतौर पर प्रत्येक ग्रह के लिए महीने में एक बार ऐसा होता है।’