साल 2019 में कोविड-19 वायरस का पहला मामला सामने आया था. कुछ रिपोर्ट दावा करती हैं कि ये वायरस चमगादड़ों से इंसानों में फैला तो वहीं कुछ लोगों का आरोप है कि ये वुहान की लैब से लीक हुआ. फिलहाल किसी भी दावे की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन एक दूसरी रिसर्च में दावा किया गया है कि कुत्तों में पाए जाने वाले कोरोनावायरस की पुष्टि निमोनिया के कुछ मरीजों में हुई है.

अगर इस रिसर्च के दावों की पुष्टि हो जाती है तो यह आठवां कोरोनावायरस होगा जो जानवरों से इंसानों तक पहुंचा होगा. इससे पहले इस वायरस परिवार के सात वायरस इंसानों में बीमारी फैला चुके हैं. इसमें से चार वायरस साधारण सर्दी-जुकाम का कारण बने जबकि अन्य तीन ने SARS, MERS और COVID-19 जैसी गंभीर बीमारियां फैलाईं.

दरअसल ‘क्लिनिकल इन्फेक्शियस डिजीज’ नाम के जर्नल ने गुरुवार को एक रिसर्च रिपोर्ट छापी. रिपोर्ट में रिसर्चर्स ने कहा कि मलेशिया में जब 301 निमोनिया के मरीजों की जांच की गई तो उनमें से आठ मरीजों में ‘कैनाइन कोरोना वायरस’ की पुष्टि की गई. इन मरीजों की जांच नोजल स्वैब यानी नाक से लिए गए स्वैब से की गई थी.

बता दें कि कैनाइन कोरोना वायरस कुत्तों में पाया जाता है. जिन मरीजों में इस वायरस की पुष्टि हुई है उनमें ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चे थे. मरीजों से लिए गए सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग से CCoV-HuPn-2018 नाम के स्ट्रेन का पता चला है. इस वायरस के गुण बिल्लियों और सुअर में पाए जाने वाले कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं लेकिन कैनाइन कोरोना वायरस से यह सबसे अधिक मेल खाता है जो कि कुत्तों में पाया जाता है.

जांच में इस स्ट्रेन में ऐसे भी म्यूटेशन पाए गए जो इंसानों में फैलने वाले स्ट्रेन जैसे हैं जैसे SARS-COV और SARS-COV-2. बता दें कि कोरोना वायरस परिवार ही कोविड महामारी की जड़ है. हालांकि रिसर्च में अभी यह साफ नहीं हुआ है कि यह वायरस इंसानों को बीमार कर सकता है या नहीं.

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