बीते लगभग तीन सप्ताह से फर्रुखाबाद सेंट्रल जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बुधवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया। उन्हें गुपचुप तरीके से समर्थक लेकर निकल गये और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। बता दें कि 5 मार्च को जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज 2017 के पुराने मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में बेल बांड कैंसिल करा कर बाहुबली धनंजय सिंह नैनी सेंट्रल जेल पहुंचे थे। पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की लखनऊ में हुई हत्या के मामले में बाहुबली धनंजय सिंह का नाम आने के बाद लखनऊ पुलिस सरगर्मी से उनकी तलाश कर रही थी और 25000 का इनाम भी घोषित किया था।

पिछले दिनों कोर्ट में किया था सरेंडर

बता दें की 2017 के एक पुराने मामले में अपनी जमानत रद्द करवाकर पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कोर्ट में सरेंडर किया था, जहां से कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें नैनी जेल भेजा गया था। बीते 11 मार्च को नैनी जेल से उन्हें सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ शिफ्ट किया गया था। 20 दिन सेन्ट्रल जेल की सलाखों के पीछे रहनें के बाद आखिर कोर्ट नें उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। लेकिन धनंजय सिंह की रिहाई पूरी तरह से गुपचुप तरीके से हुई। इसकी भनक पुलिस को भी नहीं लगी। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने पूर्व सांसद धनन्जय सिंह के रिहा होने की पुष्टि की है।

पुलिस को नहीं लगी भनक

धनंजय की रिहाई पूरी तरह से गुपचुप तरीके से हुई। उन्हें लेने उनके सर्मथक ज्यादा तामझाम से भी नहीं पहुंचे। कुछ लोग काले रंग की गाड़ियों से पहुंचे। गाड़ियां जेल से कुछ दूरी पर खड़ी रहीं। जेल से निकलते ही वह काली गाड़ी में बैठकर निकल गए। जेल अधीक्षक प्रमोद शुक्ला के अनुसार पूर्व सांसद धनंजय की प्रयागराज कोर्ट से जमानत मंजूर कर ली गई थी। आदेश मिलते ही बुधवार सुबह उन्हें रिहा कर दिया गया।

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