वाराणसी। 15 अगस्त को देश भर में आज़ादी का 75वां वर्षगांठ बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है।इसी क्रम में काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ का अनोखा श्रृगांर भक्तों को देखने को मिला।यूं तो सावन के पावन माह में हर दिन बाबा का विशेष श्रृंगार होता है। 15 अगस्त, दिन रविवार को देश की आजादी के 75वें वर्षगांठ के जश्न में डूबे काशीवासियों को बाबा का दर्शन भी इसी रूप में मिला तो निहाल हो उठे। बाबा दरबार हर हर महादेव के उद्घोष के साथ ही भारत माता की जय के नारों संग गूंज उठा।
शनिवार की देर रात शयन आरती के बाद बाबा शयन के लिए चले गए और इसके बाद जब बाबा दरबार में सुबह मंगला आरती की तैयारी शुरू हुई तो बाबा का श्रृंगार तिरंगे रंग में करने का निर्णय लिया गया। मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया। बाबा के तिरंगे रंग के श्रृगांर के लिये नारंगी सफेद फूलों और हरि पत्तियों का प्रयोग किया गया।
सुबह मंगला आरती के लिए पहुंचे भक्त बाबा को तिरंगे रंग में रंगा देखकर आह्लादित नजर आए। बाबा दरबार में हर-हर महादेव के साथ ही भारत माता की जय के नारे से पर परिसर गूंज उठा। सुबह बाबा का तिरंगा श्रृंगार देखकर भक्त मुदित नजर आए। बाबा का यह स्वरुप इंटरनेट मीडिया में भी छाया रहा। बाबा दरबार के मुख्य अर्चक आचार्य श्रीकांत मिश्र ने बताया कि आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश के मौके पर बाबा का तिरंगे फूल और पत्तियों से श्रृगांर का निर्णय लिया गया था। उसी क्रम में बाबा का सुबह तिरंगा श्रृंगार किया गया है।
बाबा की तिरंगा झांकी
भोर में बाबा को पंचामृत स्नान कराकर विशेष अभिषेक कराया गया। उसके बाद बाबा की तिरंगा झांकी सजाई गई। मंगलाआरती के बाद बाबा के इस विशेष श्रृंगार झांकी के दर्शन के लिए बाबा का झांकी दर्शन द्वार आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण बाबा दरबार में सुबह से ही आस्थावानों की लंबी कतार लग गयी थी। भक्त परिवार के साथ बाबा का दर्शन-पूजन करने पहुंचे तो भोर से दोपहर तक बाबा दरबार में भक्तों की कतार उमड़ी रही। दर्शन के दौरान कोविड-19 के गाइड लाइन का अनुपालन किया गया। बिना मास्क के किसी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया।