सीतापुर जिला कारागार में बंद सपा सांसद आजम खां ने कोरोना वैक्सीन लगवाने इनकार कर दिया है। जेल अधीक्षक डीसी मिश्रा ने इसकी जानकारी दी। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों को कोरोना वैक्सीन लगाने पहुंची थी
बीते दो साल से सपा सांसद आजम खां जिला कारागार में बंद हैं। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों को कोरोना वैक्सीन लगाने पहुंची। टीम द्वारा 178 बंदियों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। वहीं सांसद आजम खां ने कोरोना वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया।
जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
दरअसल,शासन के निर्देश पर कोरोना महामारी से बचाव हेतु सभी को कोविड वैक्सीन लगाए जाने के निर्देश हैं। प्रथम चरण में 60 साल व उससे अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इसके अनुपालन में सीतापुर जिले में भी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इस क्रम में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिला कारागार में निरुद्ध 178 बंदियों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई, लेकिन जैसे ही डॉक्टर सपा सांसद आजम खांं की बैरक में पहुंचे तो उन्होंने वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया। सीतापुर जेल अधीक्षक डीसी मिश्रा ने बताया कि शासन के नियत प्रोग्राम के तहत जिला कारागार में किसी भी तरह से कोरोना न फैले, इसको लेकर निर्देश जारी किया गया था कि सभी बंदियों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाए। प्रथम चरण में जो 60 साल से अधिक उम्र के बंदी हैं, उनके लिए यह निर्देश जारी हुआ था, जिसके क्रम में शनिवार को कारागार में 60 साल व उससे अधिक उम्र के 178 बंदियों को वैक्सीन लगाई गई। दूसरे चरण में 45 से 60 साल के बंदियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। सांसद आजम खां ने वैक्सीन नहीं लगवाई है।
दर्ज है 80 से ज़्यादा मुक़दमे
बता दें कि सपा सांसद आजम खां के ऊपर 80 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं, जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के ऊपर 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इनमें से अब सिर्फ तीन मुकदमों में ही उन्हें जमानत मिलनी बाकी है। 26 फरवरी 2020 को आजम खांं, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। तीनों के ऊपर दस्तावेजों में हेराफेरी करके फर्जी पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने का साल 2019 में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में अदालत द्वारा बार-बार बुलाने के बावजूद वे हाजिर नहीं हो रहे थे। लिहाजा कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। नॉन बेलेबल वारंट जारी होने के बाद तीनों ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था और जमानत मांगी थी, लेकिन अदालत ने उन्हें रामपुर की जिला जेल भेज दिया था। 27 फरवरी 2019 की भोर में ही तीनों को सीतापुर जेल में शिफ्ट किया गया था। वहीं कुछ माह पूर्व ही आजम खां की पत्नी तंजीन फातिमा को 21 दिसम्बर 2020 को जमानत मिल चुकी है।