जबरन धर्मांतरण मामले में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। मामले की जांच कर रही एटीएस को पता चला है कि धर्मांतरण करने वाले मौलानाओं की नजर 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर होती थी। ये लोग मुस्लिम बच्चों की मदद से हिंदू बच्चों को गुमराह करते थे। कई तरह का लालच देकर उनका ब्रेनवॉश करते थे और फिर उनका धर्म परिवर्तन करा देते थे। यही नहीं, बच्चों को ये भी कहा जाता था कि घरवालों से छिपकर नमाज पढ़ा करें।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी एटीएस की जांच में पता चला है कि हिंदू से मुस्लिम बनाए गए बच्चों से घर वालों से छिपकर नमाज पढ़ने के लिए उकसाया जाता था। जांच में ये भी पता चला है कि कानपुर में धर्म परिवर्तन गिरोह बड़े स्तर पर सक्रिय है। इसमें कई मुस्लिम संस्थान शामिल हैं. साथ ही 12 लोगों की टीम लोगों को धर्म बदलने के लिए ब्रेन वॉश का काम करती है। जब से उमर गौतम और जहांगीर की गिरफ्तारी हुई है ये सभी लोग भी फरार हैं।

एटीएस ने बताया कि कानपुर के गोविंद नगर में रहने वाले एक 14 साल के बच्चें का धर्मांतरण के लिए ब्रेन वॉश किया जा रहा था। उसकी संदिग्ध गतिविधियां देखकर परिवार को कुछ शक हुआ। जब परिवरार ने उस पर नजर रखने की कोशिश की तो पता चला कि बच्चे को धर्म बदलने के लिए उकसाया जा रहा था। यह काम हिंदू से मुस्लिम बना एक बच्चा कर रहा था।

वहीं CSJM यूनिवर्सिटी की सुप्रिया नाम की एक स्टूडेंट की भी धर्म बदलने का पता चला है। ये भी खुलासा हुआ है कि धर्म बदलने के बाद उसने एक इंग्लिस न्यूज पेपर में इस बात का विज्ञापन भी दिया था। एटीएस के मुताबिक कानपुर में अब तक करीब 6 से ज्यादा लोगों के धर्म बदलने का खुलासा हुआ है। सभी से पूछताछ की जा रही है। उमर गौतम के एक वीडियो में भी कानपुर की स्टूडेंट्स के धर्मांतरण की बात कही गई थी।

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