विशेष संवाददाता

जयपुर। यह तो होना ही था। अपेक्षानुसार राजस्‍थान विधानसभा के विशेष सत्र में गहलोत सरकार की ओर से पेश विश्‍वास मत प्रस्‍ताव ध्वनि मत से पारित हो गया।ध्वनि इसके साथ ही सदन की कार्यवाही 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं, विधानसभा सत्र के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा, ‘जब मैं पहली बार 156 सीट लेकर आया, तब भैरोंसिंह शेखावत 32 सीट पर आ गए थे। मिर्धा कांड में सुरक्षा को खतरा था। मैं उनसे मिलने गया। मेरे शेखावत साहब से सहज रिश्ते रहे। मैंने उन्हें अहसास नहीं होने दिया, लेकिन वसुंधरा राजे को उनके सलाहकारों ने ऐसी सलाह देकर गुमराह कर दिया। वसुंधरा राजे ने शेखावत से रिश्ते नहीं बनने दिए, वरना हम एक दूसरे से अनुभव साझा करते। इसका फायदा भी मिलता।

विश्‍वास मत प्रस्‍ताव पारित होने के बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि विपक्ष के पास 75 की संख्या है, तो सरकार गिराने का सवाल कहां से आ गया। वहीं, विपक्ष ने विश्वास मत पर बहस के बाद मत विभाजन (वोटिंग की मांग) नहीं मांगा, लिहाजा ध्वनिमत से सरकार ने विश्वास मत जीता है.। राजस्‍थान विधानसभा में 200 विधायक हैं और कांग्रेस का दावा है कि उसके समर्थन में 123 विधायक हैं। जबकि स्‍पीकर विशेष परिस्‍थति में वोट डालते हैं। इसके अलावा कांग्रेस के विधायक मास्‍टर भंवरलाल मेघवाल बीमार होने की वजह से सदन में नहीं आए।

सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पर हुई बहस का सीएम अशोक गहलोत ने जमकर जवाब दिया। बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा, ‘राजस्थान में फोन टैपिंग की परम्परा नहीं रही है. सरकार गिराने का पूरा षड्यंत्र था।  देश में लोकतंत्र खतरे में है। केवल 2 लोग राज कर रहे हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी के लोग बगुला भगत बन रहे हैं। तंज कसते हुए उन्होंने कहा, 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। मैं 69 साल का हो गया, 50 साल से राजनीति में हूं। मैं आज लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं। उन्होंने बताया कि भैरोंसिंह शेखावत सरकार को गिराने का षड्यंत्र हुआ था। मैं उस समय पीसीसी चीफ था। मैं पीएम और राज्ययपाल के पास गया। मैंने षड्यंत्र में शामिल होने से इनकार किया। मैंने चुनी हुई सरकार को गिराने से इनकार किया था।

ईडी-इनकम टैक्स का हो रहा दुरुपयोग: सीएम गहलोत

विधानसभा में चर्चा के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा, क्या ईडी-इनकम टैक्स का दुरूपयोग नहीं हो रहा?, उन्होंने कहा लगता है नेता प्रतिपक्ष को भी कुछ मुद्दों पर गुमराह रखा गया होगा.  जब हम खुद ईडी-सीबीआई पर आरोप लगाते हैं तो क्या खुद एसओजी-एसीबी का दुरूपयोग करेंगे ? सीएम गहलोत ने कहा, राजनीति का नैतिक पतन हो रहा है। देश में आर्थिक स्थिति, कोरोना को लेकर भयावह हालात है। हमारी सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उसमें बीजेपी को बहुत तगड़ा झटका लगा शायराना अंदाज में सीएम गहलोत ने कहा,  तू इधर-उधर की ना बात कर ये बता काफिला क्यों लुटा, काफिलों का रहबर ही कातिल से मिला हुआ था।