*अखंड भारत का सपना हमारा उद्देश्य

  • प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आहूत प्रेस वार्ता में की यह घोषणा

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। राम जन्म भूमि के उपरांत मथुरा स्थित कृष्ण जन्म भूमि तथा काशी स्थित श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी विवाद को हल करने की दिशा में हिंदू महासभा ने अपनी कार्ययोजना पर अमल करना शुरू कर दिया है

उक्त ऐलान हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा पंडित नंद किशोर मिश्र ने नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आहूत एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए किया।

हिंदू महासभा के संघर्ष को देखते हुए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में हिंदू महासभा को स्थान न दिए जाने के सवाल के जवाब में राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा पंडित नंदकिशोर मिश्रा ने कहा कि जब राम जन्मभूमि के बाद में हिंदू महासभा ही मूल पक्षकार रही है, तो उसे ट्रस्ट में स्थान क्यों नहीं मिला, हिंदू महासभा का मूल उद्देश्य यही है कि हिंदू अस्मिता, राष्ट्र अस्मिता व आस्था पर जब भी प्रहार होगा, तब हम उसका पुरजोर विरोध करेगी। हमारा मुद्दा काशी भी है और मथुरा भी ,प्रथम कृष्ण जन्मभूमि उसके पश्चात काशी का रहेगा।

वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अधिवक्ता राकेश कुमार आर्य ने कहा कि नैतिकता वैधानिकता व संवैधानिकता के आधार पर मूल पक्षकार को सम्मिलित किया किया जाना चाहिए था, अर्थात हिंदू महासभा को ट्रस्ट में स्थान दिया जाना चाहिए था जो पक्षकार नहीं थे कभी केस लड़ा नहीं हुई सिर्फ शोर शराबा करते रहे उन्हें ट्रस्ट में स्थान मिला हम कानूनी रूप से बेहद मजबूत है । हिंदू महासभा को कानून से ट्रस्ट में स्थान मिलना चाहिए जिन्होंने कभी कुछ किया नहीं यह उनकी राजनीतिक गुंडागर्दी तथा अपनी शक्ति का दुरुपयोग मात्र है, हिंदू महासभा की गुटबाजी के सवाल के जवाब में बाबा पंडित नंदकिशोर मिश्रा ने कहा कि हिंदू महासभा को एक जाल में फंसाने का कार्य हो रहा है जिसमें चुनाव आयोग भी शामिल है । हिंदू महासभा गंदी राजनीति का शिकार हो रही है हम जल्दी चुनाव आयोग को पार्टी बनाकर न्यायालय की शरण लेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा पंडित नंदकिशोर मिश्र ने कहा कि जस्टिस एसएन अग्रवाल का आदेश था तो चंद्रप्रकाश कौशिक को जब संवैधानिक तरीके से बहुमत द्वारा निष्कासित किया गया तो फिर चुनाव आयोग ने कौशिक के आवेदन को क्यों स्वीकार किया ?

अधिवक्ता ईकरान्त शर्मा ने कहा कि त्रिदंडी स्वामी राजश्री चौधरी चक्रपाणि पार्टी के सदस्य तक नहीं है । पार्टी का इनसे कोई लेना देना नहीं है जल्द ही इन सब के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी स्वामी चक्रपाणि को तो हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट से भी बाहर किया जा चुका है ।

क्या भारतीय जनता पार्टी की तरह हिंदू महासभा भी लोगों को जोड़ने के लिए रथयात्रा जैसा प्रोग्राम लॉन्च करेगी? इस सवाल के जवाब में राष्ट्रीय महामंत्री एसडी विजयन ने कहा कि विश्व स्तर पर कार्य योजना चल रही है पूरे विश्व के हिंदुओं को जोड़ने हेतु हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है । उचित रूप से भविष्य में यह एक बड़े स्तर पर प्रदर्शित होगा इसमें गैर हिंदुओं को भी जोड़ने का कार्य किया जा रहा है जो भारतीय संस्कृति और सभ्यता में अपना विश्वास रखते हैं । एक सवाल के जवाब में कि सर्वोच्च न्यायालय में सुब्रमण्यम स्वामी एक केस लड़ रहे हैं जिसमें तिरुपति बालाजी तथा अन्य मंदिरों पर सरकार का कंट्रोल है जैसा वहां हो रहा है क्या मस्जिदों और चर्च ऊपर भी ऐसा होना चाहिए, हिंदू महासभा का इस विषय में क्या कथन है ? इस सवाल का जवाब देते हुए हिंदू महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कुमार आर्य ने कहा कि हिंदू हितों पर कुठाराघात हम सहन नहीं हो करेंगे। हिंदुओं का सैनिकी करण तथा राजनीति का हिंदू करण यह सावरकर का ध्येय वाक्य था स्पष्ट है कि वहां हिंदू मंदिरों में जो भी पैसा आता है वह सब कार्य हिंदू के कार्यों में ही व्यय हो अगर ऐसा कोई भी पक्षपाती कानून सरकार लाती है तो हिंदू महासभा निश्चित रूप से उसका पुरजोर विरोध करेगी ।एक अन्य सवाल के जवाब में कि क्या तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट तथा कई मंदिरों में चेयरमैन तथा अन्य महत्वपूर्ण पदों पर ईसाई की नियुक्ति की जाती है , इस विषय में हिंदू महासभा का क्या दृष्टिकोण है ? इस सवाल के जवाब में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश कुमार आर्य ने कहा कि हिंदू महासभा उसका विरोध करती है और यह मांग करती है कि हिंदू हितों पर कुठाराघात करने वाली किसी भी परंपरा हिंदू हितों पर चोट पहुंचाने कि किसी भी मंशा को सहन नहीं किया जाएगा । ईसाई अथवा मुस्लिम पदाधिकारियों को मंदिरों के महत्वपूर्ण दायित्व पर न लिया जाय।

अखंड भारत के प्रश्न पर श्री राकेश आर्य ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अनुच्छेद 370, राम जन्मभूमि मुद्दा अखंड भारत तथा सामान नागरिक संहिता जैसे मुद्दे हिंदू महासभा की ही मुद्दे थे। हिंदू महासभा का जन्म हिंदू सभा के रूप में अट्ठारह सौ बयासी में ही हो चुका था अखिल भारत हिंदू महासभा के रूप में 1915 में कार्य करना शुरू किया अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति के समय 83 लाख किलोमीटर मे अखंड भारत फैला हुआ था 1882 में हिंदू सभा पैदा होती है और 1875 में आर्य समाज का जन्म होता है। वैदिक और आजादी की क्रांति का सूत्रपात इन्हीं लोगों ने इन्हीं दोनों संगठन द्वारा किया गया और दोनों को रोकने के लिए ए ओ ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना की थी । उन्होंने आगे कहा कि हम जब अखंड भारत की मांग करते हैं तो वह 1857 के समय की क्रांति के समय परिस्थितियों की भी मांग करते हैं । उन्होंने कहा कि 1876 में अफगानिस्तान भारत से अलग किया गया 1905 में नेपाल को भारत से अलग किया गया 1911 में श्रीलंका को भारत से अलग किया गया 1935 में वर्मा को भारत से अलग किया गया तथा 1947 में पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत से अगले किया गया। इतने बड़े भारत को काटा गया छीना गया और तोड़ा गया हिंदू महासभा उस 18 57 के समय के अखंड भारत की मांग करती है ।

अभी हाल में चीन ने अपना नक्शा जारी करके कहा था कि 1860 के नक्शे के अनुसार रूस का एक हिस्सा चीन का है। पाकिस्तान ने भी अपना नक्शा जारी किया था । हम भारत की सरकार से मांग करते हैं कि भारत भी अट्ठारह सौ सत्तावन वाला नक्शा जारी करें और उसके जो जो स्थान है वह सब भारत में सम्मिलित करें ।

प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा पंडित नंदकिशोर मिश्रा राष्ट्रीय महामंत्री एसडी विजयन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश कुमार आर्य तथा अधिवक्ता ईकरान्त शर्मा मौजूद रहे

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