वाराणसी। काशी अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत रामेश्वरपुरी ने शनिवार को बनारस स्थित एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। निधन की जानकारी होते ही संत समाज, काशी के अखाड़ों और काशीवासियों में शोक की लहर दौड़ गई। पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए मंदिर लाया गया है। उनकी अंतिम यात्रा 11 जुलाई की सुबह मंदिर प्रांगण से निकाली जाएगी।

67 वर्षीय महंत रामेश्वरपुरी हरिद्वार कुंभ स्‍नान के दौरान कोरोना से संक्रमित हो गए थे। वहां से पहले उन्हें दिल्‍ली ले जाया गया था। उसके बाद मेदांता लखनऊ में भर्ती कराया गया। वहां से 28 अप्रैल को डिस्चार्ज होकर बनारस लौट आए थे। उनकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा था कि अचानक 11 जून को पुन: सांस लेने में तकलीफ होने लगी। आनन-फानन में उन्हें पुन: मेदांता लखनऊ में भर्ती कराया गया।

उपमहंत शंकरपुरी के मुताबिक, विगत दस दिनों से उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों के जवाब देने के बाद शुक्रवार की रात उन्हें मेदांता से लाकर बनारस में महमूरगंज स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। शनिवार की दोपहर करीब साढ़े तीन बजे भगवती अन्नपूर्णा का स्मरण करते हुए उन्होंने अंतिम सांस ली।

अन्नपूर्णा मंदिर के प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2004 में तत्कालीन महंत त्रिभुवन पुरी के

निधन के बाद रामेश्वर पुरी को 17 अक्तूबर 2004 को महानिर्वाणी अखाड़े से संबद्ध श्रीअन्नपूर्णा मठ-मंदिर की महंतई दी गई थी।

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