अफगानिस्तान में जारी संकट के बीच पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई हशमत गनी ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने देश में बने हालात के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने देश और देशवासियों को मझधार में छोड़ दिया है। अपने भाई के देश छोड़कर यूएई चले जाने पर उन्होंने कहा कि अगर अशरफ देश नहीं छोड़ते तो उनकी हत्या कर दी जाती। हशमत ने कहा कि उन्होंने तालिबानी हुकूमत को स्वीकार कर लिया है, लेकिन तालिबान में शामिल नहीं हुए हैं।

काबुल शहर में सबसे ज्यादा लोग रहते हैं। उनकी रक्षा के लिए अशरफ ने देश छोड़ने का फैसला किया। अगर वे ऐसा नहीं करते तो काबुल में और ज्यादा खूनखराबा होता। लाखों की जानें जातीं। इसकी एक वजह यह भी है कि पूरी दुनिया ने अफगान का साथ छोड़ दिया। कुछ लोग अशरफ के खिलाफ साजिश रच रहे थे और उनकी हत्या करना चाहते थे। इसके बाद वे अमरुल्लाह सालेह का राष्ट्रपति बनाना चाहते थे। 

उन्होंने सालेह के बारे में कहा कि सालेह अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो सकते। वे सिर्फ फेसबुक वाले कैरेक्टर हैं कार्टून की तरह। उनमें इतनी क्षमता नहीं है कि वे कुछ बड़ा कदम उठा पाए। वे 300 बॉर्डीगार्ड के बिना काबुल में नहीं घुमते थे। वे सिर्फ बातें करते हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक और कुछ बाहर के लोगों ने यह पूरी साजिश रची। इसलिए मैंने अहमद मसूद से भी बात की। हमने कहा कि हम खून खराब नहीं चाहते। हम तालिबान की हुकूमत को स्वीकार करेंगे, लेकिन आपके साथ नहीं आएंगे। मैंने कहा कि आप देश के लोगों को साथ 
लेकर चलिए। फिर से इन्हें बांटने की कोशिश मत करिए, जिससे यह 20 साल पीछे चले जाएं।

उन्होंने कहा कि जब दुनिया ने हमारा साथ छोड़ दिया है, ऐसे में हम क्या करें। कब तक हम दूसरे के खेल के हिसाब से चलते रहेंगे। लोग जब चाहते हैं आते हैं और हमारी मर्जी के बिना वापस चले जाते हैं। लाखों अफगानियों ने पिछले कई दशकों से इसी वजह से जान गंवाई है। अब तो हमें खुद ही मसले को सुलझाना होगा।

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