कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सूबे में पार्टी के घमासान के समाधान के लिए हाईकमान के फार्मूले और फैसले मानने का एलान कर दिया है। कैप्टन के इस एलान से पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू की बड़ी और नई भूमिका का रास्ता लगभग साफ हो गया है। साथ ही अमरिंदर और सिद्धू के बीच सियासी संतुलन साधने के लिए हाईकमान ने यह भी साफ कर दिया कि पंजाब विधानसभा के चुनाव में अमरिंदर ही कांग्रेस के चुनावी कैप्टन रहेंगे।

अमरिंदर ने चुनाव के लिए अपनी पूरी तैयारी का खम ठोक इसका संदेश भी दिया। पंजाब में कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने के लिए सोनिया और कैप्टन की हुई बैठक के बाद सिद्धू को संगठन की बागडोर सौंपे जाने के पुख्ता आसार है। सोनिया गांधी और कैप्टन की मुलाकात में पंजाब का झगड़ा सुलझाने पर बनी सहमति के बाद अब हाईकमान सिद्धू की नई भूमिका और प्रदेश कांग्रेस में बदलाव से जुड़े फैसलों की जल्द ही घोषणा करेगा।

दस जनपथ पर सोनिया गांधी से हुई करीब डेढ़ घंटे की बातचीत के बाद बाहर निकले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अपनी सरकार के विकास कार्यों और राजनीतिक मसलों को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हम चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार हैं और पंजाब में पार्टी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष जो भी फैसला लेंगी हमें उससे कोई दिक्कत नहीं है। हाईकमान का जो भी फैसला होगा उस पर पूरी तरह अमल करेंगे।

कैप्टन ने इस बयान के जरिए सूबे में पार्टी का झगड़ा सुलझाने के लिए अपना रुख नरम करने का संदेश दे दिया। वैसे मुख्यमंत्री ने पंजाब में पार्टी को लेकर हाईकमान के किसी फैसले को मानने की बात से यह स्पष्ट कर दिया कि सिद्धू की नई राजनीतिक भूमिका सरकार में नहीं कांग्रेस संगठन में होगी।

गौरतलब है कि सुलह फार्मूले में एक विकल्प सिद्धू की उपमुख्यमंत्री के तौर पर सरकार में वापसी की थी मगर राहुल और प्रियंका के जरिये सियासी दांव चल रहे सिद्धू ने बाद में इसकी जगह संगठन में अहम भूमिका के लिए पेशबंदी शुरू कर दी। सिद्धू की वापसी का रास्ता बनाने के लिए ही सोनिया गांधी की कैप्टन से होने वाली मुलाकात के कुछ घंटे पहले राहुल ने दस जनपथ जाकर कांग्रेस अध्यक्ष से बातचीत की थी। प्रियंका भी सक्रिय रहीं।

सोनिया और कैप्टन की आधे घंटे चली मुलाकात के बाद पंजाब का झगड़ा सुलझाने को बनी तीन सदस्यीय समिति के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस बैठक में शामिल होने पहुंचे। तीनों की बातचीत में सिद्धू को समायोजित करने के फार्मूले पर अमरिंदर सिंह ने हामी भर दी। हालांकि कैप्टन ने हाईकमान का फैसला सिर माथे पर होने की चाहे बात कही हो मगर जब पत्रकारों ने सिद्धू के बारे में उनसे पूछा तो अमरिंदर ने एक तरह से बेरुखी दिखाते हुए कहा- सिद्धू साहब के बारे में मैं कुछ नहीं जानता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here