सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने दिलचस्प बात कही है। यूपी विधानसभा की 351 सीटें जीतने का सपना पालने वाले अखिलेश तब जातिवार जनगणना कराएंगे।
उन्होंने लखनऊ में मीडिया से बातचीत में कहा कि हम सब मिलकर वर्ष 2022 में 351 सीटें जीतेंगे।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली जाते वक्त विमान में एक शख्स ने उनका हाथ देखकर बताया कि मेहनत करें, इस बार आप 350 सीटें जीतकर सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा ‘‘मैंने तय किया है कि हम 350 से एक सीट ज्यादा यानि 351 सीटें जीतेंगे।’’
अगर भाजपा झूठ फैला कर 300 से ज्यादा सीटें जीत सकती है तो ईमानदारी से मेहनत करके हम 351 सीटें जीत सकते हैं। हम इसे जरूर हासिल करेंगे क्योंकि ’22 में चलेगी बाइसिकल’ ।’’अखिलेश ने कहा कि अगर केंद्र सरकार जातिवार जनगणना नहीं कराती है तो वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद सपा सूबे में जातिवार जनगणना कराएगी। हम रास्ता निकालेंगे कि जिसकी जितनी आबादी है उसी हिसाब से उसको हक और सम्मान मिले।
उन्होंने पूछा, आखिर क्या वजह है कि बीजेपी जातिवार जनगणना नहीं करा रही है। उन्होंने कहा कि जातिवार जनगणना से समाज की कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा। वह जातिवार जनगणना पर इसलिए जोर दे रहे हैं कि क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के भी भविष्य की चिंता है कि कहीं आगे चलकर वे भी नफरत का शिकार न बन जाएं।
सीएम आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा ‘‘योगी संविधान को पसंद नहीं करते। समाज के पिछड़ों दलितों और वंचितों को अगर कोई अधिकार और सम्मान दे रहा है तो वह केवल संविधान ही है और हमें जहां से सम्मान मिलता है उसके ऊपर भाजपा के लोग हमला कर रहे हैं। उनका लक्ष्य और रणनीति कुछ और ही है। ’’ दिल्ली में हाल में हुए दंगों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर अखिलेश ने कहा कि उन्हें लगता है कि शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराज हैं इसीलिए उन्होंने कहा कि दंगा फैलाने के लिए 300 लोग उत्तर प्रदेश से आए थे।
अखिलेश के मुताबिक, ‘‘ गृह मंत्री की यह टिप्पणी बहुत बड़ी बात है। ’’उत्तर प्रदेश में आगामी 19 मार्च को अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही योगी सरकार की आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के मामले में उत्तर प्रदेश देश में आखिरी पायदान पर पहुंच गया है और स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में भी यह प्रदेश काफी पिछड़ गया है। इसके अलावा मिड डे मील में इतना भ्रष्टाचार पहले कभी नहीं हुआ।