लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले अखिलेश यादव को आज उस समय तगड़ा झटका लगा जब समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी पुत्रवधू अपर्णा यादव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। माना जा रहा है कि अपर्णा यादव अब बीजेपी के टिकट पर लखनऊ कैंट से विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं।इस दौरान अपर्णा ने कहा कि मैं भाजपा की बहुत आभारी हूं। मेरे लिए देश हमेशा सबसे पहले आता है। मैं पीएम मोदी के काम की प्रशंसा करती हूं।

यूपी के यादव कुनबे की बहू अपर्णा यादव, मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। उनका जन्म 1 जनवरी 1990 को हुआ था। उनके पिता अरविंद सिंह बिष्ट एक पत्रकार रहे हैं। उनके पिता को समाजवादी पार्टी की सरकार में सूचना आयुक्त बनाया गया था। वहीं, उनकी मां अंबी बिष्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं। स्कूल के दिनों में ही अपर्णा और प्रतीक की मुलाकात हुई थी।

उनकी स्कूली शिक्षा लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कालेज से हुई है। उन्होंने ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन एंड पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री ली है। साथ ही उन्होंने भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में नौ वर्षों तक शास्त्रीय रूपों में औपचारिक शिक्षा ग्रहण की है। वह ठुमरी की कला में माहिर हैं। अपर्णा और प्रतीक की सगाई 2010 में हुई थी। दोनों की शादी दिसंबर 2011 में मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई में हुई। दोनों की एक बेटी है, जिसका नाम प्रथमा है।

अपर्णा यादव ने वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ कैंट सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा था। हालांकि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। उनके लिए अखिलेश यादव ने भी प्रचार किया था। उन्हें रीता बहुगुणा जोशी ने 33 हजार 796 वोट के अंतर से मात दी थी रीता बहुगुणा जोशी के सांसद चुने जाने के बाद हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने यह सीट जीत ली थी। बता दें कि अपर्णा यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की सार्वजनिक तौर पर तारीफ कर चुकी हैं।

अपर्णा यादव तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत अभियान के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की थी। अलग-अलग मौकों पर उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी भी क्लिक की हैं। वर्ष 2017 में अपर्णा यादव ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में अच्छा कार्य कर रही है। तब मीडियाकर्मियों ने अपर्णा से पूछा था कि वह अपर्णा बिष्ट हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय कुमार बिष्ट है। इस पर अपर्णा यादव ने कहा कि वह भी बिष्ट हैं। हम भी बिष्ट हैं। दोनों भाई-बहन जैसे हैं।।

मैं तो भगवान श्रीराम के साथ हूं

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अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले समाजवादी पार्टी राम मंदिर पर बोलने से बचती थी, लेकिन अपर्णा इसकी अपवाद रहीं। नवंबर 2018 में उन्होंने कहा था कि ‘भगवान श्रीराम किसी पार्टी के नहीं हैं बल्कि सबके हैं। मैं तो भगवान श्रीराम के साथ हूं। चाहती हूं कि श्रीराम का मंदिर बने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने की बात कही है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी इंतजार करना चाहिए।’

वर्ष 2017 के चुनावी हलफनामे के अनुसार अपर्णा यादव और उनके पति प्रतीक यादव 22.96 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। उन पर 7.95 करोड़ रुपये की देनदारी भी है। इसमें चल संपत्ति 16.69 करोड़ रुपये हैं और अचल संपत्ति 6.27 करोड़ रुपये की है। अपर्णा ने वित्त वर्ष 2015-16 में 50.18 लाख रुपये की कमाई की थी, जबकि पति ने 1.47 करोड़ रुपये कमाए। चुनावी हलफनामे में बताया गया कि उनके खिलाफ किसी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।

पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, इसलिए भाजपा में जाने का फैसला किया? इस पर अपर्णा यादव ने कहा कि ऐसी बात नहीं है। बस इतना कहना चाहती हूं कि मैंने हमेशा राष्ट्र को धर्म माना है। हमेशा राष्ट्र के लिए ही फैसला लिया है। यह मेरी नई पारी है। मैं पीएम मोदी, सीएम योगी से बहुत प्रभावित हूं। उनकी नीतियां मुझे नैतिक रूप से भाती हैं। इसीलिए भाजपा ज्वाइन किया है।

भाजपा में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव से पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या अखिलेश यादव, सपा राष्ट्रधर्म को नहीं निभाती? इस पर अपर्णा ने कहा कि वह परिवार से विमुख होकर कोई बात नहीं कहना चाहतीं हैं। उन्होंने कहा कि यह मेरा निजी विचार है कि पिछले पांच वर्षों में जिस तरह से उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने काम किया है वह प्रशंसनीय है। उनकी योजनाएं प्रतिभाशाली है।


लखनऊ की कैंट सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर अपर्णा ने कहा कि वह किसी शर्त पर भाजपा में नहीं आई हैं। लोकतंत्र में सभी स्वतंत्र होकर अपनी विचारधारा से जुड़ सकते हैं। देश को बचाना है तो राष्ट्रवाद के साथ चलना है, भाजपा राष्ट्रवाद के लिए अग्रसर रही है। पार्टी जहां से सुनिश्चित करेगी मैं वहां से लड़ूंगी। मेरे लिए जरूरी है कि भाजपा का परचम लहराए। उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तर प्रदेश में फिर से सरकार बनाने जा रहा है।


इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपर्णा यादव ने कहा कि मेरे लिए राष्ट्र सबसे जरूरी है। मैं राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं। मैं हमेशा से प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित रही हूं। इसके अलावा भाजपा की जनकल्याणी नीतियों ने मुझे काफी प्रभावित किया। स्वच्छ भारत मिशन और महिलाओं की स्वावलंबी योजनाओं से बड़ा परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि मैं हमेशा से पीएम मोदी से प्रभावित रहीं हूं और मेरे चिंतन में राष्ट्र सबसे पहले है। राष्ट्र का धर्म मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। मैं अब राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं, जिसमें मुझे सबका सहयोग चाहिए। अपर्णा ने स्वच्छ भारत अभियान, महिलाओं, रोजगार के लिए चलाई गई योजनाओं का भी जिक्र किया।

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