लखनऊ। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने ललितपुर स्थित एयरपोर्ट को प्रथम चरण में 72 सीटर विमानों की उड़ान के लिये मंजूरी दे दी। ललितपुर स्थित हवाई पट्टी का निर्माण द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हुआ था, परन्तु इस हवाई पट्टी का कभी भी प्रयोग नहीं हुआ है व वर्तमान में यह अक्रियाशील है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रथम तीन वर्षों में ही प्रयागराज, कानपुर व हिंडन एअरपोर्ट का संचालन शुरू किया गया। नोएडा इंटरनेशनल एअरपोर्ट सहित 14 हवाई अड्डों का विकास कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें से बरेली, कुशीनगर पूर्ण रूप से तैयार हैं तथा अलीगढ, आजमगढ़, मेरठ, मुरादाबाद व चित्रकूट अगले दो माह में पूर्ण रूप से तैयार हो जायेंगे। बुंदेलखंड व विन्ध्य क्षेत्र में झाँसी, चित्रकूट व सोनभद्र में पूर्व से ही एअरपोर्ट के विकास का कार्य प्रगति पर है।

ललितपुर में प्रदेश सरकार द्वारा बल्क ड्रग पार्क की स्थापना का प्रयास किया जा रहा है। इसी प्रकार बुंदेलखंड क्षेत्र में डिफेन्स कॉरीडोर का निर्माण भी तीव्र गति से हो रहा है। इन योजनाओं के परिप्रेक्ष्य में ललितपुर में हवाई अड्डे का विकास अत्यन्त लाभप्रद और उपयोगी सिद्ध होगा। ललितपुर उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर अवस्थित है; अत: यहाँ हवाई अड्डे का विकास/निर्माण दोनों राज्यों के विकास में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा तथा इससे बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी मदद मिलेगी।

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