कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन में कई किसानों की मौत हो चुकी है। टिकरी बॉर्डर से लेकर सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल हुए कई किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बीच विभिन्न विरोध प्रदर्शन स्थलों पर हुई किसानों की मौत पर हरियाणा के कृषि मंत्री जे. पी. दलाल ने शनिवार को विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि वे (किसान) घर पर रहते तब भी उनकी मौत हो जाती। इनमें से कुछ स्वेच्छा से मरे हैं। हैरानी का बात यह है कि जब यह बात बोलते वक्त भी वह हंसते हुए दिखाई दिए।

दरअसल, कथित तौर पर दो सौ किसानों की मौत के बारे में भिवानी में एक संवाददाता द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दलाल ने कहा, ‘वे (किसान) घर रहते तब भी मर जाते। मेरी बात सुनिए, क्या एक से दो लाख लोगों में से छह महीने में दो सौ लोग नहीं मरते? कोई दिल का दौरा पड़ने से मर रहा है और कोई बीमार पड़ने से।’

पत्रकारों के एक और सवाल के जवाब में मंत्री दलाल ने कहा, ‘ये लोग स्वेच्छा से मरते हैं। इनमें से कुछ लोग तो स्वेच्छा से मरे।’ यहां ध्यान देने वाली बात है कि जब मंत्री ये बातें कर रहे थे, तब वह खुद भी हंस रहे थे और आसपास से भी ठहाकों की आवाजें आ रही थीं। इस बयान के बाद जब घमासान मचा तो कुछ घंटों बाद दलाल ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।

कृषि मंत्री जे. पी. दलाल ने कहा, ‘मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। यदि कोई इससे आहत हुआ है तो मैं माफी मांगता हूं। वह किसानों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे।’ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दलाल के बयान की आलोचना की और कहा कि ऐसा बयान कोई असंवेदनशील व्यक्ति ही दे सकता है। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने भी दलाल के बयान की आलोचना की।

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