राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लगाया गया सख्त लॉकडाउन धीरे-धीरे खुलने लगा है. अरविंद केजरीवाल सरकार ने पहले फैक्ट्रियों को खोलने का आदेश दिया है. सरकार ने कहा कि धीरे-धीरे बाकी गतिविधियों को भी शुरू किया जायेगा. फैक्ट्रियां खुलने के बाद मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा. वहीं राजधानी में प्रवासी मजदूरों का आना शुरू हो गया है.
काम की तलाश में ये मजदूर फिर से दिल्ली लौट रहे हैं. मजदूरों को कहना है कि फैक्ट्रियां शुरू हो गयी हैं तो काम तो मिल ही जायेगी. करीब छह सप्ताह के बाद फैक्ट्रियां तो खुल गयीं लेकिन उनके सामने कच्चे माल और कामगारों की दिक्कत अभी भी है. अब जब प्रवासी मजदूर लौटने लगे हैं तो फैक्ट्रियों में काम करने वालों की कमी नहीं होगी.
फैक्ट्रियां खुलने के बाद अब दुकानदारों ने भी सरकार से अनलॉक की मांग की है. दुकानदारों का कहना है कि पिछले एक महीने से ज्यादा समय से दुकानें बंद हैं. ऐसे में सभी दुकानदारों के सामने रोजी रोटी की समस्या आ गयी है. बाकी चीजों के साथ सरकार को दुकानदारों पर भी ध्यान देना चाहिए. दुकानदारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनाये गये प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वे दुकानों का संचालन करेंगे.
वहीं, लंबे समय बाद खुली फैक्ट्रियों के मालिकों को नुकसान का डर सता रहा है. उन्हें कच्चे माल मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों की भी काफी कमी है. कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन में अधिकतर मजदूर अपने मूल स्थानों की ओर चले गये थे. वहीं, कच्चे मालों की आपूर्ति के लिए अभी दुकानों का खुलना बाकी है.
कुछ कारखानों के मालिक ने बताया कि केवल 20 फीसदी श्रमिक ही अभी कारखानों में काम कर रहे हैं. हमें कच्चे माल और ऑक्सीजन की जरूरत है. सरकार ने अभी तक ऑक्सीजन के लिए आदेश नहीं दिये हैं, ऐसे में स्टील के दरवाजे आदि बनाने का काम शुरू नहीं हो पायेगा. कई मजदूर अपने प्रदेशों में फंस गये हैं, उनको पास मिलने में दिक्कत हो रही है.